MADHUBANI / WAFF NEWS :
मधुबनी : वक्फ संशोधन कानून 2025 के खिलाफ देश भर में उठ रही नाराज़गी अब जनांदोलन का रूप लेती जा रही है। इसी क्रम में आज मधुबनी एयरपोर्ट परिसर में एक ऐतिहासिक और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया, जिसमें हज़ारों की संख्या में लोगों ने भाग लिया। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के निर्देश पर आयोजित इस प्रदर्शन का नेतृत्व इमारत-ए-ऐश्वर्या ने किया, जिसमें बिहार, झारखंड और बंगाल के तमाम मुस्लिम संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और राजनीतिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए मौलाना फैसल रहमानी :
इस विशाल जनसभा के मुख्य वक्ता थे मौलाना फैसल रहमानी, जो इमारत-ए-शरीया (केसरिया) के बिहार, झारखंड और बंगाल के प्रभारी हैं। अपने ओजस्वी संबोधन में उन्होंने वक्फ संशोधन कानून को “मुसलमानों की धार्मिक, शैक्षणिक और आर्थिक व्यवस्था पर सीधा हमला” बताया। मौलाना रहमानी ने स्पष्ट रूप से कहा कि सरकार वक्फ की संपत्तियों पर कब्ज़ा करना चाहती है, जो मुसलमानों की दीनी और सामाजिक विरासत है। मस्जिदें, मदरसे, कब्रिस्तान और यतीमखाने, ये केवल जमीन के टुकड़े नहीं, हमारी पहचान के स्तंभ हैं। यदि सरकार ने यह कानून वापस नहीं लिया, तो हम सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे और यह आंदोलन राष्ट्रीय स्तर पर फैलाया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा, “यह कानून संविधान की आत्मा और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के खिलाफ है। सरकार को सोचना चाहिए कि वो भारत को किस दिशा में ले जा रही है। हम संविधान में विश्वास रखते हैं और उसी के दायरे में रहते हुए अपना विरोध दर्ज कराते रहेंगे।”
राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक नेतृत्व की एकता :
प्रदर्शन में राज्यसभा सांसद डॉ. फैयाज अहमद, मधुबनी नगर की डिप्टी मेयर अमानुल्लाह खान, इम्तियाज़ नूरानी, परवेज़ हसन दानिश, डॉ. राशीद फाख़री, डॉ. रशीद खलील, रूपम झा, अंजरूल हक कमरी, पूर्व मंत्री सह मधुबनी विधायक समीर कुमार महासेठ, कांग्रेस जिला अध्यक्ष सुबोध मंडल और कई अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी सभा को संबोधित किया। सभी वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि वक्फ संशोधन कानून मुसलमानों की आत्मा पर हमला है, और इसे तत्काल रद्द किया जाना चाहिए।
इंडिया गठबंधन के नेताओं और मुस्लिम संगठनों की भागीदारी :
इस आंदोलन में इंडिया गठबंधन से जुड़े सभी जिलाध्यक्षों ने अपनी सक्रिय उपस्थिति दर्ज कराई। इसके अलावा एआईएमआईएम, मुस्लिम इमाम काउंसिल, मुस्लिम युवा मंच और कई अन्य सामाजिक संगठनों ने एकजुट होकर विरोध प्रकट किया।
मौके पर मौलाना फैसल रहमानी ने अपने भाषण में यह भी कहा, कि”हम सरकार से दुश्मनी नहीं चाहते, लेकिन अपनी जायदाद, अपने दीन और अपने हक़ पर किसी प्रकार का समझौता भी नहीं करेंगे। हम संविधान की मर्यादा में रहकर अपनी आवाज़ बुलंद करते रहेंगे और सरकार को इस कानून को वापस लेने पर मजबूर करेंगे।”
संविधान की रक्षा के लिए संकल्प :
सभा के अंत में मौलाना फैसल रहमानी ने सभी उपस्थिति लोगों से वक्फ संपत्तियों की रक्षा और संवैधानिक अधिकारों के समर्थन में संगठित रहने का आह्वान किया। उन्होंने यह भी घोषणा की कि आने वाले दिनों में राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर और भी बड़े प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे।
प्रवक्ता, इमारत-ए-ऐश्वर्या ने कहा कि यह केवल एक विरोध नहीं, बल्कि एक चेतावनी है यदि सरकार ने यह कानून नहीं हटाया, तो मुसलमान संविधान का सहारा लेकर लोकतांत्रिक रास्तों से लड़ाई जारी रखेंगे।