MADHUBANI HEALTH NEWS :
मधुबनी : मधुबनी जिले में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एनक्यूएएस प्रमाणीकरण को लेकर चयनित जयनगर अनुमंडल के लदनियां प्रखंड स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, पदमा को राज्यस्तरीय सर्टिफिकेशन मिला है। इसे राज्यस्तरीय असेसमेंट में 77% अंक प्राप्त हुआ है। अब इसका राष्ट्रीय प्रमाणीकरण होने पर इसे हर वर्ष 1.26 लाख रूपये मिलेंगे, जो अस्पताल के उन्नयन में किया जाएगा।
विदित हो कि इससे पूर्व जिले के भवानीपुर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का राज्यस्तरीय प्रमाणीकरण हुआ था।
इस बाबय क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक नजमुल होदा ने बताया कि राज्यस्तरीय सर्टिफिकेशन होने के बाद नेशनल सर्टिफिकेशन के लिए सक्षम पोर्टल के माध्यम से अप्लाई किया जाएगा। उसके बाद केंद्रीय टीम द्वारा वर्चुअल या फिजिकल मोड में इसका असेसमेंट किया जाएगा।
सात फैसिलिटी पर अस्पताल को किया गया है तैयार :
डीपीएम पंकज मिश्रा ने बताया कि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, पद्मा और भवानीपुर में सात फैसिलिटी को सुदृढ़ किया गया है, जिसमें टीकाकरण, ओपीडी, ड्रग डिसटीब्यूशन (151 प्रकार की दवा), एमसीडी जांच (14 प्रकार की जांच), साफ-सफाई, वेलनेस, डे-केयर (फर्स्ट एड की सुविधा) को सुदृढ़ किया गया है।
एनक्यूएएस के लिए इस तरह होता है अस्पतालों का मूल्यांकन :
डीसीक्यूए डॉ. रवि चौधरी ने बताया कि एनक्यूएएस प्रमाणीकरण के लिए प्रथम स्तर पर इंटरनल असेसमेंट, उसके बाद राज्यस्तरीय टीम द्वारा मूल्यांकन किया जाता है। राज्यस्तरीय टीम के संतुष्ट होने पर केंद्रीय टीम को जांच के लिए लिखा जाता है। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की टीम द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक सर्टिफिकेशन के लिए अस्पतालों का आठ मानकों पर मूल्यांकन किया जाता है। मूल्यांकन में खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केन्द्र सरकार द्वारा गुणवत्ता प्रमाण पत्र जारी किया जाता है।
एनक्यूएएस प्रमाणीकरण से हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर मिलने वाली बारह तरह की सेवाओं पर दिखेगा असर
क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक ने बताया कि स्वास्थ्य संस्थानों को एनक्यूएएस का प्रमाणीकरण मिलने पर वहां मिलने वाली बारह तरह की सेवाओं पर इसका असर दिखता है। इससे एएनसी, टीकाकरण, ओपीडी, परिवार नियोजन, आउटरीच में होने वाली एक्टिविटी का विस्तार होता है। इससे पेशेंट सटिस्फैक्टरी सर्वे से संस्थान पर उपलब्ध सेवाओं का विस्तार होगा। केंद्र पर इंफ्रा का विकास होगा, जिसका सीधा असर वहां के स्वास्थ्य सुविधाओं पर पड़ेगा। स्वस्थ माहौल का निर्माण होगा, जो स्वास्थ्य के चहुंमुखी विकास के लिए जरूरी है।