MADHUBANI NEWS :
मधुबनी : मधुबनी जिले में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) और जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) बीमारी की रोकथाम और प्रभावी नियंत्रण को लेकर सोमवार को जिलास्तरीय टास्क फोर्स की बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता उप विकास आयुक्त दीपेश कुमार ने की। उन्होंने एईएस/जेई पर पूर्ण नियंत्रण को लेकर कहा कि संबंधित विभाग आपस में समन्वय स्थापित कर गंभीरता पूर्वक कार्य करना सुनिश्चित करें। आंगनबाड़ी केंद्र, शिक्षा, परिवहन, जीविका, पंचायती राज विभाग, आपूर्ति विभाग और निजी संस्थान जमीनी स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार कर लोगों में जागरूकता फैलाएं। प्रभावित मरीज को चिह्नित कर समुचित उपचार करना सुनिश्चित करें। उन्होंने चर्चा के क्रम में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए।
गर्मियों में बढ़ जाते हैं एईएस के मामले :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉक्टर डी० एस० सिंह ने कहा कि गर्मी बढ़ने के साथ ही जिले में एईएस/जेई का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचाव हेतु स्वास्थ्य विभाग एवं प्रभावित प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं आशा, आईसीडीएस, जीविका के साथ ही अन्य विभाग अलर्ट मोड में हैं। उन्होंने बताया कि एईएस/जेई से ग्रसित बच्चों को अस्पतालों में 24 घण्टे इमरजेंसी इलाज की सुविधा उपलब्ध है। प्रत्येक प्रखंड में एईएस के लिए दो बेड, अनुमंडलीय अस्पताल में चार बेड तथा सदर अस्पताल में दस बेड सुरक्षित किया गया है।
उन्होंने कहा कि एईएस के मामलों से बच्चों को बचाने के लिए सभी पीएचसी के प्रभारियों व स्वास्थ्य अधिकारियों को अलर्ट रहना होगा। उन्होंने बताया कि अप्रैल से जुलाई तक के महीने में छह माह से पंद्रह वर्ष तक के बच्चों में चमकी की संभावना ज्यादा होती है। बच्चों को सुरक्षा के लिए धूप में निकलने से बचना चाहिए। अधपके कच्चे फल का सेवन नहीं करना चाहिए। साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए। चमकी से प्रभावित बच्चों का सही समय पर तुरंत इलाज होना जरूरी है। उन्होंने बताया कि चमकी के लक्षण मिलते ही बच्चों को तुरंत सरकारी अस्पताल ले आएं, बिल्कुल भी देरी न करें।
प्रचार प्रसार के साथ जागरूकता है जरूरी :
डीडीसी ने बताया कि पीएचसी स्तर पर कोआर्डिनेशन प्लान तैयार कर ग्रास रूट लेवल पर मरीजों की इलाज सुनिश्चित किया जाए। गोल्डन आवर में मरीजों के लिए एंबुलेंस, आवश्यक दवा की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। विशेषकर महादलित टोला में अभियान चलाकर विकास मित्र, आंगनबाड़ी सेविका/सहायिका, स्थानीय जनप्रतिनिधि छोटे बच्चे एवं उनके माताओं को जागरूक करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि 24*7 नियंत्रण कक्ष क्रियाशील रखें।
इस मौके पर जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉक्टर एस० के० विश्वकर्मा, सीडीओ डॉक्टर जी० एम० ठाकुर, डीपीएम पंकज मिश्रा, पुरुषोत्तम कुमार, अमर कुमार, डिंपू कुमार, यूनिसेफ एसएमसी प्रमोद कुमार झा, पिरामल के धीरज कुमार सिंह, सीफार के अमन कुमार, यूएनडीपी के अनिल कुमार सहित अन्य कर्मी उपस्थित थे।