MADHUBANI / LADANIA NEWS :
मधुबनी/लदनियां : मधुबनी जिले के बाबूबरही विधानसभा क्षेत्र के लदनियां प्रखंड एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों की असलियत जमीनी हकीकत से कोसों दूर है। 1970 के दशक में किसानों को सिंचाई के लिए खेत तक पानी पहुंचाने के उद्देश्य से ग्यारह राजकीय नलकूप एवं एक्सिस उदबह सिंचाई परियोजना लगाया गया था। उक्त सभी सिंचाई परियोजना पर बिजली का व्यवस्था किया गया था। सिंचाई सुविधा उपलब्ध रहने के कारण किसान खुशहाल थे। परंतु न जाने किसका नजर किसानों के जिंदगी को लगा।
1980 के दशक में चोरों ने बिजली तार और ट्रांसफार्मर की चोरी कर ली और सिंचाई परियोजना दर्शन का वस्तु बन कर रह गया। तब से आज तक लोग सिंचाई के लिए निजी बोरिंग के सहारे खेती करते आ रहे हैं। जैसे तैसे लोग खुश थे कि 1987 में नेपाल से निकलने वाली गागन, सहजा, कमला, बलान नदी के बाढ़ की पानी ने कहर बरपाया, जो आज भी वर्षांत के समय में कहर बरपाता रहता है।
प्रखंड क्षेत्र में पूर्व से ही संचालित सरकारी चापाकल बंद रहने के कारण पेयजल संकट बन गया था। लोगों ने महाजन से कर्ज लेकर अपना और अपने परिवार का इज्जत किसी तरह बचा रहे थे कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक ड्रीम प्रोजेक्ट मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना मद ग्राम पंचायत के सभी वार्डों में 300 के आबादी पर एक नल-जल योजना का क्रियान्वित मुखिया और वार्ड सदस्यों के माध्यम से कराया था। इसके पीछे सरकार का उद्देश्य था कि लोगों को गुणवत्तापूर्ण पानी घर घर नल लगा कर उपलब्ध कराया जाय, परंतु जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों में पनपा लूट खसोट संस्कृति ने योजना पूर्ण होने से पहले ही दम तोड़ दिया।
वहीं सीतामढ़ी, जयनगर, लदनियां, लौकहा, रेल परियोजना का स्वीकृति तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के द्वारा प्राप्त हुआ था। बजट में राशि का समायोजन भी किया गया। सर्वेक्षण कार्य भी प्रारंभ किया गया था। परंतु सरकार बदलते ही ठंढा वास्ता में चला गया। लोगों को पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा, न्यायपूर्ण कानून और रोजगार की गारंटी ही नये सरकार बनने का रास्ता प्रशस्त करेगा।