MADHUBANI / LADANIA NEWS :
मधुबनी/लदनियां : मधुबनी जिले के लदनियां प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत खाजेडीह एसएमजे कॉलेज प्रबंधन पर तकरीबन 39वर्षों तक शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मियों से अवैतनिक कार्य कराने का मामला प्रकाश में आया है।
उक्त आशय का खुलासा एसएमजे कॉलेज खाजेडीह के प्राचीन भारतीय इतिहास एवं संस्कृति विषय के विभागाध्यक्ष प्रो. भोला महतो द्वारा महामहिम राज्यपाल बिहार पटना के नाम भेजे ज्ञापन से हुआ है।
गौरतलब है कि एसएमजे कॉलेज खाजेडीह लनामिवि दरभंगा से सम्बद्धता प्राप्त है। प्रो. महतो ने महामहिम राज्यपाल बिहार पटना के नाम प्रेषित ज्ञापन में एसएमजे कॉलेज खाजेडीह के शासी निकाय के सचिव डॉ. धनेश्वर प्रसाद सिंह पर कई गम्भीर आरोप लगाया है कि सचिव के तानाशाही रवैया से कॉलेज कर्मियों में भय का माहौल है।
उन्होंने कहा कि 2019 ई में माननीय हाई कोर्ट पटना में दायर परिवाद सीडब्ल्यूजेसी संख्या-80/19/2017 में राज्य सरकार को स्पस्ट आदेश दिया कि राज्य के सभी सम्बद्धता प्राप्त कॉलेज के सभी कर्मियों को आंतरिक श्रोत से कुल आय का 70 प्रतिशत राशि कॉलेज कर्मियों को मासिक वेतन देने का आदेश दिया था।
बिडंबना है कि कॉलेज के शासी निकाय के सचिव डॉ. धनेश्वर प्रसाद सिंह ने राज्य सरकार के विशेष शिक्षा सचिव सतीश चन्द्र झा के उक्त आदेश अनुपालन नही किया। जांच से ही असलियत सामने आयेगा आखिर जीबी सचिव सरकारी आदेश का पालन क्यों नहीं किया।
ज्ञात हो कि 9 जुलाई 024 को इस कॉलेज के शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने अपनी मांगों के समर्थन में 79 दिनों तक अपनी मांगों के समर्थन में बेमियादी प्रदर्शन एवं धरना दिया।
शासी निकाय के सचिव द्वारा शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ के मांगों पर विचार करने की बात दूर रहा उन्होंने कॉलेज के शासी निकाय ने आनन-फानन में लनामिवि दरभंगा नियमों को उल्लंघन कर प्राचीन भारतीय इतिहास एवं संस्कृति विभाग के विभागाध्यक्ष एवं कॉलेज महासंघ के महासचिव प्रो. भोला महतो एवं प्रो. राजकिशोर सिंह को तत्काल सेवा से बर्खास्त कर दिया।
लनामिवि दरभंगा के कुलपति ने इस कॉलेज के शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के धरना एवं प्रदर्शन के अलावा संघ ज्ञापन के गम्भीरता से लेकर यूनिवर्सिटी से जांच टीम को भेजकर अग्रिम कार्रवाई शुरू कर दिया।
उन्होंने जांच कमिटी के प्रतिवेदन पर कॉलेज शासी निकाय को भंगकर तदर्थ समिति गठन किया। तदर्थ समिति के आस्वाशन पर शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ ने धरना प्रदर्शन खत्म कर दिया, जबकि तदर्थ समिति ने अपने आश्वासन को कार्य रूप नहीं दिया। कुलपति एवं तदर्थ समिति के कार्य संस्कृति से कॉलेज कर्मियों में भारी नाराजगी है।

