MADHUBANI / HEALTH NEWS :
मधुबनी : मधुबनी जिले में मातृ मृत्यु दर पर नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक नई पहल की है। अब जिले में वैसी गर्भवती जिनका हीमोग्लोबिन लेवल 7 से कम है, उन पर आशा एवं एएनएम द्वारा विशेष निगरानी रखी जाएगी। ऐसी गर्भवती महिलाओं को सीवियर एनीमिया के केस में भी लिस्ट किया जाएगा। विभाग के इस पहल से न सिर्फ उच्च जोखिम वाली गर्भवतियों का बेहतर प्रबंधन हो पाएगा, बल्कि उन्हें उचित आयरन फॉलिक एसिड की दवाएं देकर मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को संपुष्ट भी किया जा सकेगा।
इस सम्बन्ध में सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार ने बताया गर्भवतियों में एनीमिया का होना उनके प्रसव के खतरों को बढ़ा देता है। इसके लिए जरूरी है कि उनके हीमोग्लोबिन लेवल की जांच हो और उसके अनुसार आयरन फॉलिक एसिड की गोलियां उन्हें दी जाए। हीमोग्लोबिन में 7 जैसी स्थिति काफी गर्भवतियों में काफी गंभीर स्थिति को दिखाती हैं।
इस संबंध में जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज मिश्रा ने बताया कि गर्भवतियों की पहचान कर उन्हें एएनसी का लाभ दिलाना हमारी प्राथमिकताओं में है। हीमाग्लोबीन के कम स्तर पर या किसी अन्य फैक्टर जिससे उच्च जोखिम वाले प्रसव का खतरा हो, उन्हें विशेष निगरानी के लिए उच्चतर स्तर तक भेजा जाता है।
बढ़ेगी एएनसी की गुणवत्ता और कवरेज :
डीपीएम ने बताया गर्भवतियों में एनीमिया से होने वाली की चुनौतियों के मद्देनजर उनकी एएनसी की गुणवत्ता और उसके प्रतिशत को बढ़ाया जाएगा। एनीमिया के केस चिन्हित होने पर आयरन फोलिक एसिड गोली एवं आवश्यकतानुसार आयरन सुक्रोज इंजेक्शन लगाया जाएगा, ताकि पोस्ट पार्टम हेमरेज (पीपीएच) में किसी प्रकार की समस्या न हो। इसके लिए आशा एवं एएनएम को सेंसेटाइज भी किया जाएगा। इससे एएनसी के कवरेज में तेजी आएगी।