MADHUBANI / KHUTAUNA NEWS :
मधुबनी/खुटौना : मधुबनी जिले में खुटौना प्रखंड समेत आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों की असलियत जमीनी हकीकत से कोसों दूर है। पश्चिमी कोसी नहर की उत्तर दिशा में सिंचाई की सुविधा नदारद है, जिससे हजारों एकड़ कृषि भूमि पर खेती करना दूभर हो गया है। किसान बारिश के भरोसे खेती करने को मजबूर हैं और स्थिति से बेहद चिंतित हैं। स्थानीय किसान रमेश महतो कहते हैं, “हर साल सिंचाई के लिए बस भरोसा दिलाया जाता है। नहर तो है, लेकिन पानी हमारे खेतों तक नहीं पहुंचता। बारिश अगर देर से हुई, तो साल भर की मेहनत बेकार हो जाती है।”
वहीं, झंझारपुर-लौकहा रेल खंड में अब तक लंबी दूरी की ट्रेनों का परिचालन शुरू नहीं किया जा सका है। स्थानीय लोगों को इससे खासा निराशा है। यात्री सूरज झा व गोपाल कुमार झा का कहना है, “रेल लाइन तो बिछा दी गई, पर चलती सिर्फ पैसेंजर ट्रेन है। हमें दरभंगा या पटना, दिल्ली जाने में अब भी काफी दिक्कत होती है। लंबी दूरी की गाड़ियां चालू होतीं, तो बहुत फायदा होता।” खुटौना प्रखंड के 18 पंचायतों में नल-जल योजना की हालत दयनीय बनी हुई है। भू-जल स्तर नीचे चले जाने से लोगों को पीने के पानी के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ रही है। सरकारी स्टेट बोरिंग की संख्या बीस के करीब है, लेकिन एक भी संचालित नहीं है। ग्रामवासी रीना देवी कहती हैं, “स्वच्छ पानी के लिए रोज इधर उधर जाना पड़ता है। गर्मी बढ़ रही है और पानी मिलना मुश्किल होता जा रहा है।” इन सब समस्याओं के बीच जनप्रतिनिधियों की सक्रियता केवल फोटोशूट और मंच साझा करने तक सीमित दिख रही है। जनता के मूलभूत मुद्दों पर किसी का ध्यान नहीं है।
युवा सामाजिक कार्यकर्ता उदय कुमार ने कहा, “नेताओं को अब जनता के असली मुद्दों की तरफ ध्यान देना होगा, वरना जनता खुद अपना रास्ता तय करेगी।” क्षेत्रवासियों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही हालात नहीं सुधरे, तो वे लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।