NEPAL / JANAKKPUR NEWS :
नेपाल/जनकपुर : नेपाल की समृद्धि में भारत की अहम भूमिका है। नेपाल के प्रजातंत्र आन्दोलन में भारत ने खुलकर साथ दिया। नेपाल में आपातकाल में नेपाल के नेता भारत में शरण लिए। वही से नेपाली को एक जुटकर आन्दोलन को सशक्त बनाने का काम किए। उपरोक्त बातें नेपाल गणतंत्र के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राम बरण यादव ने मंगलवार को महेंद्र नारायण निधि सांस्कृतिक केंद्र में स्वतंत्र युवा प्रजातांत्रिक संघ नेपाल द्वारा आयोजित “नेपाल को समृद्धि मा भारत को भूमिका” बिषय पर आयोजित कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि पद से बोलते हुए कहीं।
पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राम वरण यादव ने कहा कि नेपाल भारत का संबंध त्रेता युग से है। जगत जननी सीता तथा प्रभु श्री राम के वैवाहिक बंधन इसका उदाहरण है। उन्होंने कहा कि भूकंप तथा कोविड समय में भारत ने नेपाल को भरपूर सहयोग किया है। शिक्षा, स्वास्थ्य तथा परिवहन में भारत का अहम योगदान है, जिसको हम भूल नहीं सकते हैं। पूर्व राष्ट्रपति ने कहा ग्वोविंग वार्मिंग में नेपाल तथा भारत को मिलकर काम करना होगा। अगर समय पर हम नहीं सजग हुए, तो मधेश तथा बिहार मरूभूमि हो जाएगा।
वहीं, पूर्व उप प्रधानमंत्री तथा राष्ट्रीय मुक्ति पार्टी के अध्यक्ष राजेंद्र महतो ने कहा कि नेपाल को भारत सदैव शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन में सहायता कर रहे हैं। लेकिन फिर भी भारत को एक खास वर्ग बिरोध करता है, जो भारत का विरोध करता है, वहीं सच्चा राष्ट्रवाद कहलाता है। नेपाल में नश्लीय भेदभाव है जो मधेश को समृद्धि बनाने में बाधक है। भाषा, पहिरन पर स्वतंत्रता नहीं होना भी नेपाल के समृद्धि में बाधक है। पानी और पर्यटन से नेपाल समृद्धि बन सकता है।
वहीं, मधेश प्रदेश के मुख्यमंत्री सतीश कुमार सिंह ने कहा कि नेपाल के समृद्धि में भारत का योगदान है। नेपाल में पर्यटन की पूरी संभावना है। इसके लिए नेपाल-भारत को मिलकर काम करना होगा। वहीं, भारतीय बाणिज्य महादूत श्री देवी सहाय मीना ने कहा कि भारत मधेश को हर संभव सहयोग कर रहा है।
संजीव कुमार महतो की अध्यक्षता में संपन्न इस कार्यक्रम पूर्व संघीय मामला तथा कानून मंत्री धन राज गुरूंग, डॉ. उद्वव प्याकुरेल, प्रदेश सभा के सभापति राम चंद्र मंडल, प्रो० डॉ० भोगेन्द्र झा, महाधिवक्ता सुरेंद्र महतो ने भी बिचार रखें। इस कार्यक्रम का संचालन जनकपुरधाम उद्योग वाणिज्य संघ के पूर्व अध्यक्ष जीतेन्द्र महासेठ ने किया।