MADHUBANI / LADANIA :
मधुबनी/लदनियां : मधुबनी जिले के लदनियां प्रखंड में एक प्रेस वार्ता में बाबूबरही विधानसभा के पूर्व विधायक प्रोफेसर उमा कांत यादव, पूर्व जिला परिषद सदस्य सह राजद प्रदेश सचिव राम अशीष पासवान, पूर्व पंचायत समिति सदस्य सह राजद वरिष्ठ नेता राम कुमार यादव, राजद प्रवक्ता बिनोद कुमार यादव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि मिथिला के पावन भूमि मधुबनी जिला के झंझारपुर अनुमंडल अंतर्गत विदेश्वर स्थान में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रस्तावित यात्रा जो संयोग से पंचायती राज दिवस पर आयोजित है, और प्रधानमंत्री उक्त अवसर पर त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों को भी संबोधित करने वाले हैं।
बिहार के त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि अधिकार में कटौती के सवाल पर धरना प्रदर्शन कर विरोध जता रहे हैं। सम्प्रति ऐसे में जनप्रतिनिधियों का सम्मेलन कुछ हजम नहीं हो रहा है। फिर भी मान्यवर का सोच की सराहना करता हूं। ये सरकारी कार्यक्रम है, लेकिन चुनावी वर्ष में जिस तरह से सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग डबल इंजन सरकार के नेता, मंत्री के द्वारा हो रहा है। लगता है त्रिस्तरीय पंचायत जनप्रतिनिधियों का सहारा लेकर विधानसभा चुनाव का चुनाव का प्रचार प्रसार कर रहा है। बिहार की डबल इंजन सरकार के मंत्री और विधायक बेरोजगारी, पलायन, स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, पुल-पुलिया, जलजमाव, बाढ़-सुखाड़, बंद पड़े चीनी मिल, पेपर मिल, सुत मिल सहित पर्यटन स्थल के विकास के प्रति जवाबदेह नहीं है। लोगों को प्रधानमंत्री के आगमन से मिथिलांचल के विकास के लिए विशेष पैकेज की दरकार है। सरकार के सूत्रों से प्राप्त सुचना के अनुसार उक्त कार्यक्रम में आठ सौ करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं, जबकि मिथिलांचल के लोग 100 करोड़ रुपए की पैकेज के लिए लालायित हैं।
ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के लिए पांच सौ एकड़ भूमि में सभा स्थल बनाया जा रहा है, जो भूमि विन्देश्वर स्थान एवं भैरव मंदिर के बगल के किसानों का है। उक्त भूमि पर किसानों के द्वारा लगाया फसल को प्रशासन के द्वारा बर्बाद कर दिया गया है। इतना ही नहीं एक ओर सरकार जलजीवन हरियाली योजना के नाम पर लाखों रुपए खर्च कर रही है। वहीं उक्त विशाल भू-भाग पर लगें पेड़-पौधे को नष्ट कर समतल बनाया गया है। कुल मिलाकर देखा जाए, तो यहां के किसान चिंतित हैं। किसानों को फसल मुआवजा का चिंता सता रहा है, वहीं मेंड़ टूटने के कारण सीमांकन कर भूमि अधिग्रहण पर खर्च के साथ साथ उत्पन्न विवाद का भय सता रहा है। नेताओं ने कहा कि एक ओर पंचायत प्रतिनिधियों को पूर्व से मिलने वाली अधिकार में कटौती कर पंगु बना दिया है, तो दूसरी ओर उनका सम्मेलन कर उसका मजाक उड़ाया जा रहा है।
कहते हैं कि 1973 में देश के प्रधानमंत्री के द्वारा संविधान संशोधन कर त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों को संपूर्ण अधिकार सौंपा गया था, जिसे आज डबल इंजन सरकार ने वापस ले कर पंचायत प्रतिनिधियों को पंगु बना दिया है। नेताओं ने कहा कि 2014 के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मधुबनी आए थे, बड़े-बड़े घोषणा हुआ था। परंतु विडंबना है कि घोषणा के बाद भी चीनी मिल, सूत मिल, पेपर मिल, गुलकोज फैक्ट्री आज भी बंद पड़े है, बल्कि उन्हें स्क्रैप कह बेचा जा रहा है, जिस कारण उसमें काम करने वाले मजदूर पलायन कर गए। नेपाल से निकलने वाली गागन, सहजा, कमला, बलान नदी से निकलने वाली बाढ़ के पानी से घर द्वार के साथ-साथ फसल बर्बाद होता है, जिसका स्थाई समाधान आज तक किसी सरकार ने नहीं किया। किसानों के खेतों तक सड़क एवं पानी नहीं रहने के कारण सुखाड़ का दंश झेल रहे हैं। फिर भी जिले के सभी लोगों को इस प्रस्तावित यात्रा से काफी उम्मीदें हैं।