MADHUBANI / JAINAGAR :
मधुबनी/जयनगर : मधुबनी जिले के जयनगर प्रखंड परिक्षेत्र में गुरुवार को जुड़-शीतल पर्व हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। यह पर्व मैथिली पंचांग के मुताबिक बैसाख के प्रथम दिन नूतन वर्ष के अवसर पर मनाए जाने वाली पर्व है। यह पर्व प्रेम एवं आस्था का प्रतीक है। इसमे गांव के वृद्धजन अपने से नीचे उम्र के लोगों को शुख शांति एवं दीर्घायु का आशीर्वाद देते हैं।
मौके पर घर के लोग अपने स्वर्गवासी माता-पिता व पूर्वजों के स्मृति स्थल पर जल चढ़ाते की परंपरा है। घर की बुजुर्ग इस दिन अपने परिवार समेत पास-पड़ोस के बच्चों को माथा पर जल थपथपा कर आशीर्वाद देते हैं।
इस कड़ी में प्रखंड क्षेत्र के बुजुर्ग लोगों ने अपने घर के बच्चों तथा आस पड़ोस के बच्चों को माथा पर जल थपथपा कर आशीर्वाद दिया। दूसरी ओर साल के एक दिन खाना पकाने वाले चूल्हे को भी रेस्ट दिया जाता है। मिथिलांचल वासियों के घरों में चूल्हा नहीं जलाने की भी परंपरा रही और इस मौके पर प्रकृति से जुड़ते हुए सत्तू और आम के टिकोला की चटनी को खाया जाता है। इस वजह से इस पर्व को कोई सतुआनी तो कोई बसिया पर्व भी कहते हैं। वैसे आज दिन और रात को खाने की सभी व्यंजन एक दिन पूर्व की रात्रि में ही अक्सर बना लिया जाता है। जुड़-शीतल पर्व की महत्ता संपूर्ण मिथिला क्षेत्र में अधिक होती है।