नेपाल/जनकपुरधाम:
नेपाल में बाबा साहेब डॉ. भीम राव अम्बेडकर की 134वीं जयंती राष्ट्रीय तत्मा समाज नेपाल के द्वारा ततमा कुटी में 14अप्रैल को मनाया गया।
रामाशीष दास की अध्यक्षता में संपन्न इस कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि भारत की तरह नेपाल के दलित, जनजाति को भी सरकारी नौकरी, राजनीति में आरक्षण मिलें। वक्ताओं ने कहा कि डॉ.भीमराव अम्बेडकर ऐसे समय में शिक्षा ग्रहण किये, जिस समय दलित को शिक्षा पाना दुर्लभ था। भारत में छुआछूत चरम पर थी। बिद्यालय में अलग बैठकर शिक्षा ग्रहण किए। पानी का पीने तक का मनाही था। लेकिन उन्होंने इसका प्रवाह नहीं किए। ऊंच शिक्षा हासिल किए, और भारत के प्रथम कानून मंत्री बनें। वे संविधान प्रारूप समिति के अध्यक्ष बने। उन्होंने संविधान में दलित, जनजाति को नौकरी तथा राजनीति में आरक्षण की व्यवस्था किए। आज उनको दुनिया भर में उनके विचार को माना जाता है। इसलिए दलित समाज अपने बच्चे को शिक्षित करें। उन्होंने तीन मूल मंत्र दिए थे जिनमें शिक्षित बनो, संगठित हो, संघर्ष करो है।
इस कार्यक्रम में मीडिया काउन्सिल मधेश प्रदेश के कार्यवाहक अध्यक्ष कैलाश दास, प्रो.बालकेश्वर ठाकुर, रघुनाथ दास, राम बाबू दास, पंच लाल दास, राम शरण दास, जय प्रकाश साह, राजदेव दास, उपेन्द्र दास, शशि सहित कई लोगों ने विचार रखें।