मधुबनी
विश्व रतन, बोधिसत्व, संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के 135वीं जंयती डॉक्टर भीमराव अंबेडकर नि:शुल्क शिक्षण संस्थान,केशुली मे संस्थापक सितेश कुमार पासवान(युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव) के नेतृत्व मे मनाई गई, जिसमे बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी भारत के जाने-माने समाज सुधारक, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री और राजनीतिक नेता थे।
वे भारतीय संविधान के जनक थे और उन्होंने संविधान सभा में मसौदा तैयार करने में अहम भूमिका निभाई थी। वे दलित चेतना और सशक्तिकरण के आंदोलन में भी अग्रणी थे।
बाबासाहेब डॉ॰ भीमराव अंबेडकर
का14 अप्रैल, 1891 को मध्य प्रदेश के महू में दलित परिवार रामजी सकपाल और भीमाबाई की 14वीं और आखिरी संतान शिक्षा अर्थशास्त्र, राजनीति, कानून, दर्शनशास्त्र, और समाजशास्त्र में विशेषज्ञता हासिल की। विदेश में इकोनॉमिक्स में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल करने वाले पहले भारतीय थे।
महाड़ सत्याग्रह, बौद्ध दलित आंदोलन कांग्रेस सरकार में स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री (1947) रहे। बाबा साहेब अंबेडकर को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके जन्मदिन को ‘समानता दिवस’ और ‘ज्ञान दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। उनके विचार और कार्य आज भी समाज की कई समस्याओं को सुलझाने में मार्गदर्शन कर सकते।
इस कार्यक्रम कार्यक्रम की अध्यक्ष बिनोद शर्मा किए।
भारतीय संविधान की प्रस्तावना को पढकर सभी लोग संकल्पित हुए।
कार्यक्रम मे उपस्थित संतोष पासवान (कचहरी सचिव), बिनोद शर्मा, बिबेक पासवान, लड्डू कामत, धीरज कुमार, रणधीर रंजन, रवि कुमार, बिनीत कुमार, कृष्णा कुमार, अदित कुमार, साजन कुमार, खुशनंदन कुमार, जिगर कुमार, चन्दा कुमारी, खुशबू कुमारी, प्रियंका कुमारी सहित अन्य उपस्थित हुए।