मधुबनी
स्वयंसेवी संस्था अभ्युदय के राष्ट्रीय अध्यक्ष और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के युवा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. विभय कुमार झा ने प्रदेशवासियों को जुड़ शीतल पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। अपने शुभकामना संदेश में उन्होंने इस पारंपरिक त्योहार को पर्यावरण संरक्षण और प्रकृति पूजन का प्रतीक बताया।
डॉ. झा ने कहा कि मिथिला की संस्कृति सदैव से प्रकृति के साथ सामंजस्य में रही है और जुड़ शीतल उसी परंपरा का अनुपालन करता है। उन्होंने कहा, “यह पर्व हमें सिखाता है कि प्रकृति हमारी जीवनदायिनी शक्ति है और हमें इसे सम्मान और संरक्षण देना चाहिए।”
उन्होंने पर्व की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इस दिन घर-आंगन को गोबर से लीपा जाता है, जिससे वातावरण शुद्ध होता है। तुलसी चौरा में तुलसी के पौधे को गर्मी से बचाने के लिए विशेष रूप से जल की व्यवस्था की जाती है, जिससे जल संरक्षण का संदेश भी मिलता है।
इस अवसर पर चने के सत्तू का वितरण, चने के बेसन से बनी बड़ी का बनना और नए अन्न का प्रयोग इस त्योहार को सामाजिक समरसता और कृषि संस्कृति से जोड़ता है। साथ ही जल स्रोतों की पूजा यह दर्शाता है कि “जल है तो जीवन है” यह सिर्फ एक वाक्य नहीं, बल्कि जीवन का मूल मंत्र है।
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के युवा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. विभय कुमार झा ने लोगों से अपील की कि वे इस त्योहार की भावना को समझें और अपने जीवन में पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता को अपनाएं। उन्होंने कहा कि यदि हम जुड़ शीतल जैसे पर्वों के मूल भाव को आत्मसात करें, तो न केवल हमारी परंपराएं जीवित रहेंगी, बल्कि पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा।