MADHUBANI / PANDAUL NEWS :
मधुबनी/पंडौल : श्रीमद भागवत कथा समस्त कष्टो व दुखों को हरने वाली है। इसके श्रवण मात्र से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट होकर प्राणी मात्र का लौकिक आध्यात्मिक विकास होता है। मन में सही और गलत को समझने की क्षमता बढ़ती है। उक्त बातें मधुबनी जिले के पंडौल के संकोर्थ में आयोजित सात दिवसीय भगावत कथा के दूसरे दिन कथा वाचक आचार्य पं विकास आंनद एलिया जी ने कही।
भागवत कथा कल्पवृक्ष के समान है। इससे श्रवण से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति की जा सकती है। कथा के श्रवण मात्र से ही प्राणी मात्र का कल्याण संभव है। भागवत कथा सुनने से शरीर और मन के संताप मिट जाते हैं। तनाव हट जाता है और सुख शांति मिलती है।
भागवत कथा सुनने से जीवन में निराशा और नकारात्मकता के भाव नहीं आते हैं। सकारात्मकता और उत्साह का संचार होता है, जोकि सफलता के लिए जरूरी है। रोग-शोक, पारिवारिक अशांति दूर करने, आर्थिक समृद्धि तथा खुशहाली के लिए इसका आयोजन किया जाता है। परिवार के साथ बैठकर इसे सुनने से सभी का कल्याण होता है। भागवत पुराण को मुक्ति ग्रंथ कहा गया है, इसलिए अपने पितरों की शांति के लिए इसे हर किसी को आयोजित कराना चाहिए। इससे सभी तरह के ग्रह दोष, मंगल दोष, पितृदोष, शनि दोष, राहु दोष और अन्य किसी भी प्रकार का दोष हो, तो वह समाप्त हो जाता है।
मालुम हो सनातन सेवा संघ के तत्वाधान में आयोजित श्री मदभगावत ज्ञान यज्ञ में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। सुरक्षा को देखते हुए सीसीटिवी कैमरे से नजर रखी जा रही हैँ।
वहीं, सनातन सेवा संघ के अध्यक्ष विद्यानंद यादव एवं सदस्यों में नंद झा, जुगनू झा, शिव कुमार साफी, विजय साफी, सुधीर साफी, बिनोद पासवान कुलदीप चौधरी, कामदेव माली सहित पुरे ग्रामीण के सहयोग से सफल आयोजन किया जा रहा है।