MA DHUBANI / LADANIA NEWS:
मधुबनी/लदनियां: मधुबनी जिले के बाबूबरही विधानसभा क्षेत्र से राजद के पूर्व विधायक प्रोफेसर उमा कांत यादव, पूर्व पंचायत समिति सदस्य राम कुमार यादव, पूर्व जिला परिषद सदस्य सह राजद प्रदेश सचिव राम अशीष पासवान, ने संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा कि भाजपा के विचारों के साथ खड़ा होकर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार, लोजपा नेता सह भारत सरकार के मंत्री चिराग पासवान, हम पार्टी के नेता सह भारत सरकार में मंत्री जीतन राम मांझी वक्फ संशोधन बिल पर जिस तरह का निती अख्तियार किया है, उससे मुस्लिम समाज के प्रति जो छल कपट किया है और मुस्लिम समाज के उपर केन्द्र के साथ मात्र सत्ता सुख के लिए मिलकर जो बिल थोपा है, उससे अपने आप को बचा नहीं सकते हैं। बिहार ही नहीं देश में उत्पन्न स्थिति इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि मुस्लिम समाज के लोगों ने सत्ता में भागीदारी से मुंह मोड़ लिया है, जिसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। लोकसभा एवं राज्य सभा वक्फ संशोधन बिल पर विपक्षी नेता आजादी से लेकर वर्तमान संकटों से निपटने के लिए पूर्वजों की कुर्बानी के साथ ही भाजपा नेताओं से पहले सरहद पर मरने की दुहाई देते नहीं थक रहे थे, तो जदयू,लोजपा,हम पार्टी के नेताओं के द्वारा वक्फ संशोधन बिल पर भ्रान्तियां फैला कर बिल के समर्थन में कासिदें पढ़ा जा रहा था। आज उक्त पार्टी के नेताओं के द्वारा घुम-घुम कर या प्रेस वार्ता कर दुष्प्रचार और भ्रम फैलाया जा रहा है। इस चरित्र के कारण वे नेता मुस्लिम समाज के कोपभाजन से बच नहीं सकते।
नेताओं ने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा में सरकार में शामिल इन नेताओं ने जिस तरह से भाषण और वक्तव्य दिया लगता है कि अपने समाजवाद की विचारधारा को छोड़ कर भाजपा के विचारों में अपने आप को समाहित कर लिया।
पूर्व विधायक प्रोफेसर उमाकांत यादव ने कहा कि जदयू के सभी नेताओं को चुनौती देते हुए, कहना चाहते हैं कि बिहार के लाल गरीब मजदूर, शोषित पीड़ित को आजादी के बाद मानसिक व विचारों की आजादी दिलाने वाले लालू प्रसाद यादव ने सत्ता के लिए भाजपा एवं संप्रदायिक शक्तियों से कभी समझौता नहीं किया और 17 माह के महागठबंधन सरकार के उपमुख्यमंत्री एवं विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने नौकरी, रोजगार, गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करा कर देश में नाम रौशन किया है। उन्होंने अपने कार्य काल में राजनीति को एक नया दिशा देकर जनता के बीच यह संदेश दिया कि जनप्रतिनिधि स्वयं के विकास के बाहक नहीं जनता के सेवक है। नेताओं ने लालू और राबड़ी के कार्यकाल को गिनाते हुए कहा कि देश में सबसे पहले बिहार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय का गठन किया, जिससे अल्पसंख्यकों के हित में विकास के अनेकों काम हुए। राष्ट्रीय जनता दल के कार्यकाल में अल्पसंख्यक आयोग को कानूनी मान्यता दी गई, जिस पर विधानसभा और विधानपरिषद के दोनों सदनों में चर्चा के बाद ध्वनि मत से पारित किया गया। लालू प्रसाद यादव के शासन काल में मुस्लिम नेता गुलाम सरवर को सदन में पक्ष और विपक्ष दोनों पर नियंत्रण रखते हुए जनहित में काम करने और कराने के लिए बिहार विधानसभा का अध्यक्ष बनाया और बिहार विधान परिषद का सभापति जाकिर हुसैन को बनाया। इतना ही नहीं लालू प्रसाद यादव ने ही दोनों सदनों में प्रोसोडींग और रिपोर्टिंग उर्दू में करने का अनुमति प्रदान किया और दोनों सदनों में उर्दू अनुवादक का नियुक्ति किया। लगभग 12500 बेरोजगारों को उर्दू शिक्षकों को वहाल किया। उर्दू को बढ़ावा देने के लिए रोजगार से जोड़ा। उर्दू अकादमी को बढ़ाने का काम किया। बीपीएससी के परीक्षा में उर्दू को शामिल किया गया। सम्प्रति बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग सीओ, बीडीओ, एसडीओ एवं डीएसपी बने। लालू, राबड़ी राज्य में हज भवन निर्माण कार्य भवन निर्माण मंत्री मोहम्मद तस्लीमुद्दीन सहाब के माध्यम से कराया गया और 2004 में हज भवन बनकर तैयार हो गया। जहां से पहली बार हज यात्रियों को रहने एवं हर तरह की सुविधा उपलब्ध कराया गया। इतना ही नहीं बिहार विधानसभा में अब्दुल बारी सिद्दीकी को नेता प्रतिपक्ष, तो विधान परिषद में गुलाम गौस को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया। राजद ने दो-दो बार मुसलमान को प्रदेश अध्यक्ष बनाया।राजद ने विधानसभा में मुख्य सचेतक अखतारुल इमाम साहिन, विधान परिषद में मुख्य सचेतक अब्दुल बारी सिद्दीकी को बनाया। उन्होंने कहा कि राजद मुस्लिम बहुल इलाकों की तरक्की के लिए 15 सूत्री कार्यक्रम से जोड़ा। पूर्व विधायक श्री यादव ने कहा कि अपने आप को सेकुलर और मुसलमानो का हितैषी बताने वाले लोगों का दोहरी चरित्र अब सबके सामने आ गया है। भाजपा के विचारों से होतप्रोत नितीश कुमार जिस तरह से वक्फ संशोधन बिल पर चुप्पी साधे हुए हैं, यह स्पष्ट करता है कि सत्ता और स्वार्थ में किसी हद तक जा सकती है। कुल मिलाकर देखा जाए तो जदयू भाजपा के विचारों में समाहित हो गया है। लालू प्रसाद यादव ने मंडल कमीशन के समय कमंडल लेकर निकले लालकृष्ण आडवाणी, जो बिहार में संप्रदायिक सैहार्द को बिगाड़ने का प्रयास कर रहा था, उसको गिरफ्तार कर गंगा-जमुना संस्कृति को मजबूत किए।