मधुबनी: चमकी बुखार के बेहतर प्रबंधन और त्वरित चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध कराने को लेकर स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। इसको लेकर विभिन्न स्तर पर तैयारी की जा रही है। मधुबनी में राज्य स्तर से प्रशिक्षण लेकर आए जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. डी.एस. सिंह ने बताया एईएस को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड मे है। जिला स्तर पर 8 से 10 बेड, अनुमंडलीय अस्पताल में 4 से 5 एवं पीएचसी स्तर पर दो बेड का एईएस वार्ड आरक्षित रखने के निर्देश दिया गया है। सभी कर्मियों को प्रखंड स्तर पर प्रशिक्षित कर दिया गया है। प्रशिक्षित कर्मियों के द्वारा आंगनबाड़ी, जीवीका, एंबुलेंस (ईएमटी) को चमकी बुखार के प्रबंधन को लेकर प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण में मरीजों को एम्बुलेंस पर कैसे लाना है, कैसे तुरंत उपचार करना है, इसके तौर-तरीके बताए जायँगे। उन्होने बताया कि आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली गयी है। एंबुलेंस की टैगिंग की जाएगी। शिशु रोग विशेषज्ञ के साथ जेनरल फिजिशियन को अपने संबंधित स्वास्थ्य केंद्र पर आने वाले बच्चों के इलाज में विशेष फोकस करने का निर्देश दिया गया है।
चमकी बुखार में समय की बहुत बड़ी भूमिका :
डॉ. सिंह ने बताया कि चमकी में समय की बहुत बड़ी भूमिका होती है। जितनी जल्द बच्चे का उपचार शुरु होगा, उसके ठीक होने की संभावना भी उतनी ही ज्यादा हो जाएगी। एंबुलेंस में ईएमटी के पास चेकलिस्ट भी उपलब्ध रहेगा, जिसे उन्हें भरकर चिकित्सक को देना होगा। इससे यह पता लगाना आसान हो जाएगा कि चमकी पीड़ित को क्या-क्या समस्याएं हो रही थी और कौन सी आपात सुविधा इसे दी गयी थी। इससे मरीजों के प्रबंधन में काफी आसानी हो जाएगी और हर एक चमकी पीड़ित की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध हो जाएगी।
एंबुलेंस में ही हो जाएगी प्राथमिक चिकित्सा :
डॉ. सिंह ने बताया कि एबुंलेंस में दवा, ऑक्सीजन तथा जरूरी उपकरण के मौजूद रहने से प्राथमिक चिकित्सा एबुंलेंस में ही हो जाएगी। मरीज का तापमान, शुगर का लेवल जैसी जांच संभव हो सकेगी। जरूरत पड़ने पर सॉल्युशन या ग्लूकोज भी चढ़ाया जा सकेगा। वहीं ऑक्सीजन भी लगाया जा सकेगा। चमकी बुखार होने पर शुरुआत के चार घंटे काफी महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान जो भी बच्चे एम्बुलेंस से लाए जाएं उनकी उचित देखभाल और प्राथमिक चिकित्सा सुविधा मिलना जरूरी है।
क्या है चमकी बुखार का लक्षण :
चमकी बुखार के प्रारंभिक लक्षण तेज बुखार रहना। बदन में लगातार ऐंठन रहना, दांत पर दांत दबाए रखना। सुस्ती चढ़ना। कमजोरी और बुखार की वजह से बेहोशी आना। चुट्टी काटने पर भी शरीर में कोई गतिविधि ना होना आदि चमकी बुखार के लक्षण है।