मधुबनी/लदनियां: हत्या, फिरौती, तस्करी, भ्रष्टाचार और जघन्य अपराध की बिहार के डबल इंजन सरकार में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। नीतीश और भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने बिहार को अपराध की युनिवर्सिटी बना दिया है। बिहार में अनुसूचित जाति, जनजाति, दलित, महादलित, पिछड़ा और अतिपिछड़ा वर्ग के लोग इन अपराधों में सबसे ज्यादा भयाक्रांत है।
उक्त बातें बाबूबरही विधानसभा क्षेत्र से राजद के पूर्व विधायक प्रोफेसर उमा कांत यादव, दलित नेता राजद प्रदेश सचिव राम अशीष पासवान, पूर्व पंचायत समिति सदस्य सह राजद वरिष्ठ नेता राम कुमार यादव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है। पूर्व विधायक प्रोफेसर उमा कांत यादव ने प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में कहा है कि हत्या, फिरौती, बलात्कार, गैंगरेप, गैंगवॉर, भ्रष्टाचार अब बिहार में आम बात हो गई है। देश के तीन फिसदी आबादी वाले लोगों ने 1990 के दशक से 2005 तक के लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व वाली सरकार को जंगल राज कहते थे, परंतु आज के सच्चाई से अनभिज्ञ सरकार की पिठ थपथपाते नजर आ रहे हैं। जबकि सच्चाई है कि नीतीश के डबल इंजन सरकार में अपराध 323 फिसदी बढ़ गया है। वर्ष 2005 में कुल अपराध 1,07,664 प्रतिवर्ष होते थे, जो 2022 में 3,47,835 हो चुका है। बिहार में हर रोज 953 अपहरण हो रहें हैं, जिसमें 8 हत्या,33 अपहरण,136 जघन्य अपराध,55 महिला अपहरण,28 महिलाओं के अपहरण, दो से ज्यादा बलात्कार एवं 17 बच्चों के अपहरण शामिल है। भाजपा के साथ मिलकर बनी नीतीश सरकार में महिलाओं के अपहरण 1097 बढ़ गया है। नीतीश सरकार में हत्या 262 प्रतिशत और जघन्य अपराध 206 प्रतिशत तक बढ़ गया है। महिलाओं के ऊपर हो रहे अत्याचार पर बोलते हुए कहा कि बिहार में 2005 तक के दौर में यह बेहद कम होता था, लेकिन आज अपराधियों के सत्ता संरक्षण के कारण पुलिस प्रशासन का भय खत्म हो गया है। दलित, महादलित वर्ग पर हो रहे अत्याचार पर उन्होंने कहा कि उतर प्रदेश जहां भाजपा की सरकार है, वह एक नंबर पर है, तो बिहार राष्टीय स्तर पर दूसरे नंबर पर है। रचना पासवान, कोमल पासवान सहित कई महिलाओं पर हुए अपराध को गिनाते हुए उन्होंने कहा कि यह बिहार को स्वीकार्य नहीं है, लेकिन बिहार में महिलाओं के सम्मान का गला घोंटा जा रहा है, जो भाजपा जदयू सरकार में बढ़ा है। 4000 से ज्यादा नाबालिग लड़की की शादी अगवा कर कर दी जाती है। हत्या के मामले में भी देश भर में उत्तर प्रदेश के बाद बिहार दूसरे नंबर पर है। भाजपा और जदयू की 17 साल के सरकार में 53,150 लोगों को बेहरमी से मौत के घाट उतारा गया। हत्या के मामले में भी बिहार राष्टीय स्तर पर 262 प्रतिशत। बिहार में कुल 98,169 लोगों के साथ हत्या का प्रयास किया गया है। 17 साल के गुंडाराज में बाजार में 5,59413 जघन्य अपराध घटित हुआ है। 1,17,947 महिला अपराध के प्रकरण न्यायालयों लंबित है, जिसका दर 98.2% है। नीतीश सरकार में 62,830 बच्चों के साथ अपराध घटित हुआ है। उन्होंने कहा कि इस सरकार के किसी विभाग में जनता को नहीं सुना जाता है, लोगों को अधिकारियों से सुगम से सुगम काम के लिए चढ़ावा चढ़ाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर देखा जाए, तो नीतीश के डबल इंजन सरकार ही असली जंगलराज कायम है।