मधुबनी/जयनगर: मधुबनी जिला के जयनगर के शहरी और और ग्रामीण क्षेत्र के कमला नदी और सरोवरों के परिसर के घाटों पर लोक आस्था का महापर्व चैती छठ पूजनोत्सव के तीसरे दिन अस्ताचलगामी सूर्य संध्या कालीन यानी डूबते हुए सूर्य देव को अर्ध्य देते दिया गया। चैती छठ घाटों पर छठ व्रती महिलाओं और कई पुरुषों ने भी छठ व्रत रखकर और परिवार के सदस्यों श्रद्धालुभक्त जनों के द्वारा कमला मैया और भगवान सूर्य देव एवं चैती छठ मैया की विधिवत पूजा अर्चना भक्ति भाव के साथ श्रद्धापूर्वक पूजा कर और कथा सुन कर संध्या कालीन सूर्य देव को अर्ध्य दिया गया। छठ व्रतियों श्रद्धालु भक्तजनों के द्वारा सुख समृद्धि और विपदा से बचाव विश्व मे अमन शांति घर परिवार में सुख समृद्धि शांति संतान प्राप्ति बेहतर स्वास्थ्य के साथ सभी की शुभमंगल की कामना की याचना कर आशीर्वाद मांगा गया।
- वही कमला नदी परीसर और सरोवरों को लोक आस्था का महापर्व को ले छठ घाटों को सजाया गया हैं। संध्या कालीन अर्ध्य पूजा पाठ को लेकर घाटों पर श्रद्धलुओं की काफी भीड़ उमड़ी देखी गई। मन्नत पुरु होने पर बैंड बाजे के साथ आँचल पर नटुआ का नृत्य भी श्रद्धलुओं के द्वारा कराया गया।
- इस दौरान मुख्य पथों से लेकर गली मुहल्ले की सड़कों पर छठ की पारंपरिक गीत गूंजते रहे। इससे पूरा वातावरण छठमय हो गया। चारों ओर छठ मइया के गीत गूंज रहे थे। कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए…, उग हो सूरज देव भइल अरग के बेर…। जैसे गीतों ने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया था।
- बता दें कि ये लोक आस्था का महापर्व छठ साल में दो बार यानी कार्तिक और चैत्र माह में होता है, जिसमें लोग भगवान भास्कर की अराधना करते हैं।