मधुबनी/बाबूबरही: रमजान उल मुबारक के 29 रोजे रखने के बाद सोमवार को हर्षोउल्लास के साथ फितरा अदा करते हुए ईदगाह पहुंचकर ईद उल फितर की नमाज अदा किया।रमजान महीने के बाद शव्वाल महीने की पहली तारीख को ईद-उल-फितर मनाई जाती है। लोग शांति और सुख-समृद्धि के लिए भी दुआएं मांगे। वहीं जकात(कर), खैरात निकाल कर गरीबों का मदद भी किया गया।
बता दें कि लगातार मुस्लिम समुदाय के लोगों ने आधे घंटे तक प्रार्थना किया। ईदगाह से निकलने के बाद एक छोटे बड़े सभी एक दूसरे को ईद उल फितर की मुबारकबादी देते हुए गले मिले। ईद-उल-फितर इस्लाम धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे रमजान के पवित्र महीने के समापन के बाद मनाया जाता है। यह त्योहार आपसी भाईचारे, दान और खुशियों का प्रतीक है। यह त्योहार रमजान के पूरे महीने रोजा रखने के बाद आता है, जो संयम, इबादत और आत्मशुद्धि का महीना होता है। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार रमजान के बाद शव्वाल की पहली तारीख को ईद-उल-फितर मनाई जाती है। इस विशेष त्योहार की शुरुआत सुबह की नमाज से की जाती है, जिसमें हजारों लोग एक साथ अल्लाह से दुआ मांगते हैं।

