मधुबनी: विश्वकर्मा काष्ठ शिल्पी विकास समिति (काष्ठकर्मी संघ) मधुबनी का दो दिवसीय जिला महाधिवेशन दिनांक 29 एवं 30 मार्च 2025 को उत्सव गार्डन मधुबनी में प्रारंभ हुआ। महाधिवेशन की अध्यक्षता रामचंद्र शर्मा और मिश्रीलाल ठाकुर ने किया। महाधिवेशन का उद्घाटन बिहार सरकार के मंत्री परिवहन विभाग शीला मंडल ने किया। इन्होंने अपने संबोधन में कहा कि संगठन के मांगों को तथा काष्ठ शिल्पी समाज की समस्याओं को जदयू पार्टी अध्यक्ष और सरकार तक पहुंचाएगी एवं मांगों को पूरा करने का प्रयास करेगी।मुख्य अतिथि पूर्व एमएलसी और अत्यंत पिछड़ों के नेता राम बाली चंद्रवंशी ने कहा कि मैं अब तक के राजनीतिक जीवन में इस तरह से सुसंगठित जाति का संगठन नहीं देखा है। अति पिछड़ों की लड़ाई में भी संगठन साथ देती आ रही है। इन्होंने भी मांगों को सरकार तक पहुंचाने एवं संगठन के आंदोलन में अपनी भूमिका निभाने की बात रखी।विशिष्ट अतिथि पूर्व एमएलसी स्थानीय नेता सुमन कुमार महासेठ ने कहा की काष्ठ शिल्पी समाज के कलाकर को राजनीति में भागीदारी सहित अन्य सभी मुद्दों को हम अपनी पार्टी नेताओं तक पहुंचाएंगे तथा इसको पूरा करने को लेकर प्रदेश महासचिव का साथ देंगे।संगठन के प्रदेश महासचिव शिवपूजन ठाकुर ने अतिथियों के बीच समिति के मांगों को रखा, जो इस प्रकार है- संख्या के बल के अनुपात में राज सत्ता में हिस्सेदारी दो। शिल्पी विकास निगम की स्थापना करो। बिहार काष्ठ आधारित उद्योग प्रोत्साहन नीति को लागू करो। आरा मिलो के शेष बचे संख्या को बढ़ई के लिए सुरक्षित करो। इस समाज के खिलाफ पूर्व से बन रही भारतीय वन अधिनियम 1927 के बिहार संशोधन19/1990 जैसे सभी काला कानून को निरस्त करो। हाथ से लकड़ी लोहा का काम करने वाले कामगारों को पूंजी के लिए सूद सहित एक लाख का ऋण दों तथा बाजार निर्मित कर विश्वकर्मा बाजार सेट का निर्माण करो। जिला सचिव रामचंद्र शर्मा ने अपने मांगों में श्रम विभाग की भवन एवं अन्य सनिर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के तहत कैंप लगाकर सभी काष्ठ कर्मियों को निबंधित करने एवं योजना के लाभ के लिए निबंधन मजदूरों का आवेदन को लंबित रखने वाले पदाधिकारी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाए ताकि सरकार के प्रति काष्ठकर्मियों का विश्वास बढ़ सके। बढ़ई नेता रामभरोस शर्मा ने कहा कि बिहार में बढ़ई की आबादी 2.228% होता है कुल आबादी का 98% लोग भूमिहार हैं, जिसमें 87प्रतिशत मजदूर है। कोई भी पार्टी बढ़ई को टिकट नहीं देती है। आजादी के 77 वर्ष बाद भी बढ़ई राज सत्ता में प्रवेश नहीं कर पाई कारण बिना बहस के भारतीय वन अधिनियम 1927 का बिहार संशोधन अधिनियम 19/1990 सहित सभी काले कानून बना दिए गए हैं। बिहार सरकार इस काले कानून को निरस्त नहीं कर रही है।महाधिवेशन में प्रदेश अध्यक्ष जनेश्वर शर्मा, राम गणेश शर्मा, विजेंद्र शर्मा, मनोज शर्मा, उमाशंकर साहनी, मिश्रीलाल ठाकुर, विजय कुमार शर्मा, रणजीत कुमार शर्मा, गोपाल शर्मा, रामकृष्ण ठाकुर, सूर्यनारायण ठाकुर,विश्वनाथ शर्मा, विमल ठाकुर, अनिरुद्ध ठाकुर, गोपाल शर्मा, दिनेश ठाकुर, राजकुमार ठाकुर, उमेश ठाकुर, फिरण ठाकुर, नागेश्वर ठाकुर, छोटेलाल शर्मा, शिवराम ठाकुर एवं हजारों काष्ठकर्मियों की मौजूदगी रही।
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