- बिहार राज्य भूतपूर्व सैनिक संघ और जिला निर्माण समिति के सदस्यों ने राज्यपाल से लगाई गुहार
खबर दस्तक
जयनगर/मधुबनी :
मधुबनी जिले के जयनगर अनुमंडल को जिला बनाने के संबंध में बिहार राज्य भूतपूर्व सैनिक संघ सहित जिला निर्माण समिति ने बिहार के राज्यपाल को प्रार्थना पत्र एवं मांग पत्र सौंपा है। संघ और समिति के सदस्यों ने बिहार के राज्यपाल का ध्यान आकृष्ट करानें के लिए एक लिखित ज्ञापन देते हुए बताया है कि जयनगर जो वर्तमान में मधुबनी जिले का एक प्रमुख अनुमंडल है, उसे जिला का दर्जा प्रदान किया जाए। जयनगर के भौगोलिक एवं रणनीतिक महत्त्व के दृष्टि को देखते हुए उन्होंने कहा कि जयनगर अनुमंडल भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित है।
यहाँ से नेपाल बस एक किलोमीटर की दूरी पर है और यहाँ से प्रमुख रेल एवं सड़क मार्ग भी उपलब्ध हैं। यह शहर नेपाल देश में भगवान श्रीराम की विवाह स्थली (सुसराल) जयनगर से महज 27 किलोमीटर की दूरी पर जनकपुरधाम नेपाल से सीधा जुड़ा हुआ है, जिससे यह शहर अंतरराष्ट्रीय व्यापार एवं सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र है। भारत सरकार की मदद से यहाँ एक अलग ब्रॉड गेज रेल सुविधा भी नेपाल के लिए प्रदान की गई है। सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण यहाँ विशेष सुरक्षा एवं विकास योजनाओं की आवश्यकता है।
हाल के वर्षों में नेपाल में चीन का बढ़ता प्रभाव और पड़ोसी देशों से नेपाल में पनाह लेने वाले अपराधियों और आतंकियों के कारण इस शहर का सामरिक और रणनीतिक महत्व और भी बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि जयनगर की भारत नेपाल की सीमा ढीली-ढाली होने के कारण यहाँ से घुसपैठ और तस्करी की घटनाएँ लगातार बढ़ती जा रही हैं, साथ ही बताया कि मधुबनी जिला अत्यधिक क्षेत्रफल में काफी बड़ा है और वर्तमान स्वरूप में प्रशासनिक कार्यों के बोझ तले दब चुका है।
जयनगर से मधुबनी जिला मुख्यालय की दूरी लगभग 40 किलोमीटर है, जिससे ग्रामीण जनता को प्रशासनिक कार्य हेतु काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं जयनगर अनुमंडल के लिए जो न्यायालय, जेल आदि की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए उससे भी पिछले 35 वर्षों से जयनगर अनुमंडल को वंचित रखा गया है, जिसके कारण जयनगर अनुमंडल को अभी तक पूर्ण दर्जा प्राप्त नहीं हो सका है।
उन्होंने बताया कि जयनगर को जिला घोषित करने से प्रशासनिक कार्यक्षमता, जनकल्याण योजनाओं का कार्यान्वयन तथा जनता की सुविधा सुनिश्चित होगी। हर छोटी चीज के लिए भी गरीब जनता को मधुबनी जिला मुख्यालय नहीं जाना पड़ेगा। जयनगर रेलवे स्टेशन भारत नेपाल के बीच व्यापार का प्रमुख केंद्र है। यहाँ से नेपाल के साथ बहुत आयात और निर्यात भी होता है। जयनगर का मंडी क्षेत्र, शिक्षा संस्थान, अस्पताल, बैंकिंग एवं व्यावसायिक गतिविधियाँ इसे स्वतंत्र जिला बनने योग्य बनाता है और जयनगर को जिला का दर्जा मिलना अति आवश्यक है।
जयनगर अनुमंडल में पर्याप्त जनसंख्या और राजस्व संसाधन मौजूद हैं। यह शहर मधुबनी जिला को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला शहर है। जिसके आसपास के प्रखंड जैसे जयनगर, बासोपट्टी, हरलाखी, खजौली, कलुआही, लदनियां, बाबूबरही लौकहा आदि को मिलाकर एक नए जिले का गठन करना व्यावहारिक और तर्कसंगत होगा, साथ ही सांस्कृतिक महत्त्व से यह क्षेत्र मिथिला संस्कृति का केंद्र है तथा नेपाल के साथ धार्मिक एवं सांस्कृतिक संबंधों की दृष्टि से विशेष स्थान रखता है।
यहां से बाबा शिलानाथ धाम, कल्णेश्वर स्थान, फुलहर (गिरजा स्थान), राजा बलिराज गढ़ जैसा महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध तीर्थस्थान जयनगर के चारों दिशाओं में स्थित है। साथ ही कहा कि जयनगर का बाबा पोखर और बासोपट्टी का 52 एकड़ में फैला हुआ बभनदेय पोखर, कई मंदिर, निर्माणाधीन बैराज आदि के कारण इस जिले में पर्यटन की भी अपार संभावनाएं बन रही हैं। जयनगर कभी लोकसभा और विधानसभा क्षेत्र हुआ करता था, आज के तिथि में यह न हीं लोकसभा है और ना ही विधानसभा क्षेत्र हैं।
यह भी कहा जा सकता है कि जयनगर का हक छीन कर जो अगल-बगल के शहरों को दिया जा रहा है, उससे जयनगर की जनता बहुत दुखी है। ना ही कोई जयनगर में केंद्रीय विद्यालय है ना ही कोई मेडिकल कालेज और ना ही कोई पॉलिटेक्निक या इंजीनियरिंग कॉलेज, साथ ही अनुमंडल कार्यालय जयनगर पूर्ण सुविधाए से वंचित है। जयनगर की जनता अब और भेदभाव का दंश झेलने को तैयार नहीं है। हमारे जन प्रतिनिधि भी हमारी जरूरतों के प्रति संवेदनशील नहीं रहे हैं।
अब जनता ने तय किया है कि वह खुद ही अपने मांग और हक की लड़ाई के हमेशा तैयार रहेंगे। राज्यपाल को ज्ञापन समर्पित करने में बिहार राज्य भूतपूर्व सैनिक संघ के निवेशक चंद्र नारायण यादव, बिहार राज्य भूतपूर्व सैनिक संघ जयनगर के पूर्व अध्यक्ष रामानंद गिरी, श्याम सुंदर साह सचिव, श्याम प्रसाद यादव, विजय कुमार भारती, यमुना प्रसाद, राम प्रकाश यादव, कासिंदर यादव, गंगाराम, कामेश्वर ठाकुर, अशोक कुमार सिंह, योगेंद्र चौड़ीवार, राजकुमार सिंह, रामचंद्र ठाकुर उपस्थित थे।