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सुरसंड (सीतामढ़ी) :
गुरुवार को सुरसंड प्रखंड स्थित वीरपुर मलाही राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय का परिसर आपदा प्रबंधन की जागरूकता का साक्षी बना। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 9वीं बटालियन, बिहटा (पटना) से पहुँची विशेषज्ञ टीम ने यहां विद्यार्थियों और शिक्षकों के बीच मॉक ड्रिल एवं प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य आपदा की घड़ी में तुरंत और प्रभावी कदम उठाने के व्यावहारिक तरीकों से भावी इंजीनियरों को रूबरू कराना था। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो० दीपक कुमार ने की। अपने संबोधन में उन्होंने कहा— “सैद्धांतिक शिक्षा के साथ इस तरह का व्यवहारिक प्रशिक्षण विद्यार्थियों को आपात परिस्थितियों में सजग और सक्षम बनाता है। यह प्रशिक्षण जीवन रक्षा के प्रति जागरूकता और आत्मविश्वास दोनों बढ़ाता है।” निरीक्षक अमित कुमार के नेतृत्व में एनडीआरएफ टीम ने छात्रों के बीच भूकंप, आगजनी और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में राहत और बचाव की तकनीकों का लाइव प्रदर्शन किया। छात्रों को दिखाया गया कि किस तरह धैर्य और सतर्कता के साथ खुद को और दूसरों को सुरक्षित किया जा सकता है। इसके साथ ही टीम ने हृदयगति रुकने की स्थिति में दिए जाने वाले सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन), अधिक रक्तस्राव रोकने के उपाय, तथा साँप काटने पर प्राथमिक उपचार जैसे अहम बिंदुओं की विस्तार से जानकारी दी। एनडीआरएफ कर्मियों ने विद्यार्थियों को न सिर्फ सिखाया बल्कि मौके पर कई छात्रों से अभ्यास भी करवाया, ताकि वे आपातकालीन परिस्थितियों में खुद को सक्षम साबित कर सकें। इस महत्वपूर्ण आयोजन का सफल संचालन प्रो० अन्नु प्रिया, अजय किशोर, गौतम कुमार, अशोतोष कुमार, मनीष कुमार, गौरव कुमार एवं एम.डी. असद रेज़ा के संयोजन में हुआ। महाविद्यालय के कई शिक्षकगण और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने पूरे उत्साह और गंभीरता के साथ प्रशिक्षण में भाग लिया। विद्यार्थियों ने कार्यक्रम के बाद अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण उनके लिए अत्यंत उपयोगी रहा और इससे उनका आत्मविश्वास दोगुना हुआ। विशेषज्ञों का मानना है कि बदलते समय में आपदाओं का खतरा बढ़ता जा रहा है। ऐसे में समाज के हर वर्ग, खासकर युवाओं को आपदा प्रबंधन के व्यावहारिक ज्ञान से लैस करना समय की मांग है। वीरपुर मलाही पॉलिटेक्निक में आयोजित यह कार्यक्रम इस दिशा में एक सार्थक पहल माना जा रहा है।