- सीतामढ़ी में हेलमेट नियम जनता के लिए, पुलिस के लिए नहीं
खबर दस्तक
सीतामढ़ी :
सड़क सुरक्षा को लेकर सीतामढ़ी जिला प्रशासन बार-बार जनता को जागरूक कर रहा है। हेलमेट और सीट बेल्ट की अनिवार्यता पर अभियान चलाकर आम लोगों से सख्ती से पालन कराया जा रहा है। ट्रैफिक पुलिस चौक-चौराहों पर खड़े होकर गाड़ियों की जांच करती है और हेलमेट नहीं पहनने वालों से चालान काटती है। लेकिन सवाल यह है कि क्या ये नियम सिर्फ आम जनता के लिए हैं, पुलिसकर्मियों के लिए नहीं? ताज़ा मामला सीतामढ़ी का है, जहां तस्वीर में साफ देखा जा सकता है कि एक महिला पुलिसकर्मी खुद स्कूटी चलाते समय बिना हेलमेट नजर आई।
यह नजारा उन लोगों के लिए हैरत की बात है, जिन्हें पुलिस हर दिन सड़क पर रोककर नियमों का पाठ पढ़ाती है। अब सवाल यह उठता है कि जब कानून के रखवाले ही कानून तोड़ते दिखेंगे, तो आम जनता पर इसका क्या असर पड़ेगा? यह घटना जिले में दोहरे मापदंड की ओर इशारा करती है। एक ओर आम नागरिकों को छोटी-सी गलती पर चालान का सामना करना पड़ता है, वहीं पुलिसकर्मी खुद नियमों की धज्जियां उड़ाते नजर आते हैं। लोगों का कहना है कि यदि हेलमेट सुरक्षा के लिए जरूरी है, तो यह सभी के लिए बराबर होना चाहिए, चाहे वह आम नागरिक हो या पुलिसकर्मी। ऐसे हालात में जनता के बीच यह संदेश जाता है कि नियम केवल कमजोरों पर लागू होते हैं और कानून के रखवाले खुद को उससे ऊपर समझते हैं।
जानकारों का कहना है कि सड़क सुरक्षा तभी सुनिश्चित होगी, जब नियमों का पालन हर कोई करेगा। पुलिस को जनता के लिए आदर्श पेश करना होगा। यदि पुलिस ही कानून का उल्लंघन करेगी, तो आम लोग कैसे गंभीरता से इसे लेंगे। यह मामला सिर्फ एक तस्वीर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे सिस्टम की जिम्मेदारी पर सवाल खड़ा करता है। प्रशासन को चाहिए कि अपने ही विभाग के कर्मियों को पहले सख्ती से सड़क सुरक्षा नियमों के पालन के लिए बाध्य करे, तभी आम जनता भी पूरी तरह सहयोग करेगी। अन्यथा सड़क सुरक्षा अभियान महज दिखावा बनकर रह जाएगा।