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दरभंगा :
दरभंगा से भाजपा सांसद डॉo गोपाल जी ठाकुर ने कहा कि भारत की नयी शिक्षा नीति-2020 रोजगार सृजन के साथ-साथ छात्र-छात्राओं व युवाओं के चरित्र निर्माण का आईना है। भारत की नई शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में एक समान समावेशी व लचीला ढांचा को तैयार करना है, जिसमें आधुनिक तकनीक का उपयोग तथा शिक्षकों का सशक्तिकरण बनाना है। अखिल भारतीय शैक्षिक महासंघ के तत्वावधान में कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के दरबार हॉल स्थित सभागार में भारत की नई शिक्षा नीति तथा कृत्रिम ज्ञान विषयक संगोष्ठी सह प्रतिभा सम्मान समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए सांसद विचार व्यक्त कर रहे थे। सांसद डॉo ठाकुर ने केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा नई शिक्षा नीति में प्रारंभिक पांचवीं कक्षा तक मातृभाषा या स्थानीय भाषा में शिक्षा प्रदान करने की व्यवस्था को शैक्षणिक व्यवस्था में एक क्रांतिकारी बदलाव बताते हुए कहा कि इस शिक्षा नीति में हर बच्चो को शिक्षा दिए जाने को अनिवार्य बनाया गया है, जिसमें तीन वर्ष से अठारह साल तक के छात्र छात्राओं के बीच हर हाल में सुनिश्चित किए जाने का संकल्प व्यक्त किया गया है।
मौके पर संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोo लक्ष्मीनिवास त्रिपाठी ने मिथिला के ज्ञान परंपरा को देश स्तर पर समृद्ध तथा ज्ञानोपयोगी बताते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर छह दर्शन में चार दर्शन का सूत्रपात इस धरती पर होना इस बात को साबित करता है कि मिथिला ज्ञान की आदि भूमि रही है।
वहीं, कुलपति डॉo त्रिपाठी ने दरभंगा स्थित संस्कृत विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा को आवश्यक बताते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति के आलोक में यदि इस विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय के रूप में मान्यता मिल जाय, तो यह मील का पत्थर साबित होगा।
वहीं, शिक्षाविद् डॉo अजीत चौधरी की अध्यक्षता तथा देवकुमार सिंह के संचालन में कार्यक्रम संपन्न हुआ।
मौके पर प्रतिभा सम्मान समारोह के लिए चयनित छात्र-छात्राओं को मेडल तथा प्रशस्ति पत्र दिया गया।
इस कार्यक्रम में डब्लूआईटी के पूर्व निदेशक डॉo प्रेममोहन मिश्र, डॉo धीरज कुमार सिंह, डॉo इल आचार्य, आदित्य नारायण मन्ना, राजीव कुमार, प्रियंका कुमारी, नैनसी कुमारी, चांदनी कुमारी आदि मौजूद थे।