- इंडी गठबंधन कर रहा मातृशक्ति का अपमान
- एनडीए दे रही सम्मान और रोजगार
- नारी सम्मान की बातें इंडी गठबंधन के लिए सिर्फ चुनावी ढ़ोग
- एनडीए सरकार महिलाओं को सुरक्षा, सम्मान और रोजगार देकर सशक्त बना रही है
- महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाएगा मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना
खबर दस्तक
दरभंगा :
बिहार कैबिनेट से महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की स्वीकृति मिलने पर बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने कहा कि बिहार की माताओं-बहनों के लिए आज बहुत बड़ा दिन है। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएगी और परिवार की आमदनी बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि नारी सम्मान और सशक्तिकरण केवल एनडीए सरकार की प्राथमिकता है। इंडी गठबंधन के लिए यह सिर्फ़ चुनावी ढोंग और दोहरा चरित्र है। एक तरफ जहाँ इंडी गठबंधन के लोग देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वर्गीय माताजी का अपमान करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार की एनडीए सरकार नारी सुरक्षा, सम्मान और रोजगार की चिंता कर रही है।
मंत्री श्री सरावगी ने कहा कि एक ओर विपक्ष माई-बहिन मान योजना की बातें करता है, लेकिन धरातल पर कांग्रेस-राजद का कुकृत्य जनता देख रही है। इनके लिए महिलाओं का अपमान कोई नई बात नहीं है। ये लोग नारी सम्मान को लगातार चोट पहुँचाते रहे हैं। इंडी गठबंधन का असली चरित्र ही महिलाओं का अपमान और समाज को गुमराह करना है। कभी बाबा साहेब डॉo भीमराव आंबेडकर का अपमान, कभी बेटियों का तिरस्कार और अब तो उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वर्गीय माताजी तक का अपमान करने में भी शर्म महसूस नहीं की। यह घृणित राजनीति उनकी मानसिकता और महिलाओं के प्रति उनकी निम्न स्तर की सोच को उजागर करती है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी एवं विजय कुमार सिन्हा के नेतृत्व में बिहार की एनडीए सरकार मातृशक्ति को सशक्त बनाने और उनके जीवन में खुशियाँ लाने का काम कर रही है। राजस्व मंत्री श्री सरावगी ने बताया कि मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत प्रत्येक परिवार की एक महिला को रोजगार शुरू करने के लिए दस हजार रुपये की पहली किस्त सीधे बैंक खाते में दी जाएगी। सितंबर 2025 से राशि का हस्तांतरण शुरू हो जाएगा। रोजगार शुरू करने के छः माह बाद आकलन के उपरांत दो लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता भी दी जा सकेगी। साथ ही, गाँव से लेकर शहर तक महिलाओं के उत्पादों की बिक्री के लिए हाट-बाज़ार विकसित किए जाएंगे।