खबर दस्तक
परिहार/सीतामढ़ी :
सीतामढ़ी परिहार प्रखंड अंतर्गत बेला मछपकौनी पंचायत के गोरहारी गांव, वार्ड संख्या 16 स्थित ऐतिहासिक रामजानकी मंदिर में सोमवार की रात हुई चोरी ने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया है। अज्ञात चोरों ने मंदिर परिसर में रखी पाँच मूर्तियों में से भगवान राम की एक मूर्ति को छोड़कर बाकी चार बहुमूल्य और प्राचीन मूर्तियां चुरा लीं।
सूत्रों के मुताबिक, चोरी हुई मूर्तियां 60 से 70 वर्ष पुरानी थीं, जिनमें माता सीता, लक्ष्मण, हनुमान और एक अन्य देव प्रतिमा शामिल थी। इन मूर्तियों का धार्मिक ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व भी था। ग्रामीण बताते हैं कि यह मूर्तियां गांव के पूर्वजों ने बड़े ही श्रम और श्रद्धा से स्थापित की थीं, और तब से लगातार पूजा-अर्चना होती आ रही थी।
मंगलवार सुबह जब मंदिर के पुजारी पूजा करने पहुंचे, तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। मंदिर का मुख्य दरवाजा टूटा हुआ था, और चार मूर्तियां अपने स्थान से गायब थीं। तत्काल उन्होंने आस-पास के ग्रामीणों को खबर दी। देखते ही देखते मंदिर परिसर में भीड़ उमड़ पड़ी। कई महिलाएं मूर्तियों की चोरी की खबर सुनकर रोने लगीं, तो वहीं बुजुर्ग श्रद्धालुओं की आंखों में गुस्सा और बेबसी साफ झलक रही थी।
गांव में तनाव और रोष :
घटना की सूचना जंगल में आग की तरह फैल गई। गोरहारी गांव के साथ-साथ आसपास के इलाकों में भी इस चोरी की चर्चा होने लगी। ग्रामीणों का कहना है कि यह सिर्फ एक चोरी नहीं, बल्कि हमारी आस्था और पहचान पर हमला है। कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि हाल के दिनों में मंदिर में सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं थे, जिससे चोरों को आसानी हुई।
पुलिस की त्वरित कारवाई :
घटना की जानकारी मिलते ही बेला थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने मंदिर परिसर का निरीक्षण किया, टूटे दरवाजे और मूर्तियों के स्थान की तस्वीरें लीं और फॉरेंसिक टीम को बुलाने की बात कही। पुलिस ने आसपास के इलाकों में नाकेबंदी कर संदिग्ध व्यक्तियों की तलाश शुरू कर दी है।
थाना प्रभारी ने बताया कि “मूर्तियां अत्यंत मूल्यवान और प्राचीन हैं। हम हर एंगल से जांच कर रहे हैं। सीसीटीवी कैमरे की फुटेज, अगर उपलब्ध है, तो उसे भी खंगाला जाएगा। दोषियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।”
धार्मिक धरोहर पर चोट :
ग्रामीणों के अनुसार, चोरी हुई मूर्तियों की कीमत बाजार में लाखों रुपये हो सकती है, लेकिन इनका मूल्य सिर्फ पैसों में नहीं आंका जा सकता। यह मूर्तियां गांव की आत्मा थीं, जो पीढ़ी दर पीढ़ी आस्था का केंद्र रही हैं। उनका कहना है कि जब तक मूर्तियां वापस नहीं मिलतीं, तब तक गांव का हर व्यक्ति चैन से नहीं बैठेगा।
प्रशासन से मांग :
गांव के युवाओं और बुजुर्गों ने संयुक्त रूप से प्रशासन से मांग की है कि चोरी की इस घटना का जल्द से जल्द पर्दाफाश किया जाए और मूर्तियों को सुरक्षित वापस लाया जाए। साथ ही, मंदिर परिसर में स्थायी रूप से सुरक्षा गार्ड और सीसीटीवी कैमरे लगाने की भी मांग उठाई गई है।