- आध्यात्मिक उल्लास और सांस्कृतिक चेतना का केंद्र बनेगा आयोजन स्थल
खबर दस्तक
सीतामढ़ी :
नसीम अहमद
सीतामढ़ी जिले में माँ सीता की जन्मस्थली के रूप में प्रसिद्ध पुनौराधाम एक बार फिर ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने जा रहा है। जल्द ही यहां “जानकी मंदिर” के शिलान्यास का भव्य समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसे लेकर पुनौरा धाम परिसर में जोरशोर से तैयारियाँ अंतिम चरण में पहुँच चुकी हैं।
यह शिलान्यास कार्यक्रम केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पुनर्जागरण और ऐतिहासिक आस्था की पुनःस्थापना का प्रतीक बनने जा रहा है, जिसकी गूंज राज्य ही नहीं, पूरे देशभर में सुनाई देगी।
धार्मिक चेतना और सांस्कृतिक समृद्धि का संगम बनेगा ‘जानकी मंदिर’ :
‘जानकी मंदिर’ का निर्माण सीता माता की जन्मस्थली पर होना न केवल धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सीतामढ़ी को एक वैश्विक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में भी प्रतिष्ठित करेगा। वर्षों से श्रद्धालु यह माँग कर रहे थे कि पुनौरा धाम को उसकी धार्मिक गरिमा के अनुसार भव्य रूप दिया जाए, और अब जाकर वह सपना साकार होने जा रहा है।
शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होंगे संत, साधु, महात्मा, और गणमान्य अतिथि :
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस भव्य कार्यक्रम में देश के कोने-कोने से आए प्रमुख संत-महात्मा, विद्वान पंडित, धार्मिक संगठन के प्रतिनिधि और जनप्रतिनिधि भाग लेंगे। इसके साथ ही राजनीतिक, प्रशासनिक और सांस्कृतिक क्षेत्र के वरिष्ठ गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति से इस आयोजन का महत्व और अधिक बढ़ जाएगा।
पुनौरा धाम परिसर में युद्धस्तर पर चल रही तैयारी, पूरे क्षेत्र को सजाया गया :
पुनौरा धाम में कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन, स्थानीय निकाय, मंदिर न्यास समिति और स्वयंसेवकों द्वारा युद्धस्तर पर तैयारियाँ की जा रही हैं।
पूरे मंदिर परिसर को आकर्षक रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया जा रहा है।
विशाल पंडाल, मंच, भव्य तोरण द्वार, और स्वागत गेट बनाए जा रहे हैं।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष बैरिकेडिंग, पेयजल व्यवस्था, प्राथमिक चिकित्सा और स्वच्छता की पुख़्ता व्यवस्था की गई है।
यातायात और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन ने विशेष योजना तैयार की है, ताकि किसी भी प्रकार की भीड़भाड़ या अव्यवस्था न हो।
जनमानस में उत्साह, श्रद्धालुओं में उमंग की लहर :
इस आयोजन को लेकर स्थानीय नागरिकों, श्रद्धालुओं और संत समाज में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। जानकी जन्मभूमि को उसकी गरिमा के अनुरूप स्वरूप देने की दिशा में यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है। क्षेत्र के युवाओं और स्वयंसेवकों की भागीदारी भी उल्लेखनीय है, जो पूरे मनोयोग से व्यवस्था में लगे हुए हैं।
सीतामढ़ी को मिलेगा धार्मिक पर्यटन का नया आयाम :
जानकारों का मानना है कि जानकी मंदिर निर्माण के बाद सीतामढ़ी एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में उभरेगा। अयोध्या के श्रीराम मंदिर की तर्ज पर सीतामढ़ी में सीता माता का यह मंदिर दोनों धामों को एक आध्यात्मिक धागे से जोड़ देगा। इससे न केवल क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी, बल्कि स्थानीय रोजगार, व्यवसाय और संस्कृति को भी नया जीवन मिलेगा।
‘जानकी मंदिर’ शिलान्यास का यह कार्यक्रम न केवल श्रद्धा और भक्ति का उत्सव है, बल्कि यह बिहार की संस्कृति, आध्यात्मिक विरासत और जनआस्था को एक नई ऊँचाई प्रदान करेगा। पुनौरा धाम अब केवल एक तीर्थस्थल नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की पुनर्स्थापना का प्रतीक बनने जा रहा है।