खबर दस्तक
मधुबनी :
मैथिली साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समिति के तत्वावधान में स्थानीय संस्कृत उच्च विद्यालयक परिसर में समिति के उपाध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार उदय जयसवाल के सभापतित्व में मासिक अरुणिमा साहित्यिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी मे दो दर्जन से अधिक कवि व कथाकारों ने भाग लिया। कविता, गज़ल और कथापाठ से विद्यालय परिसर का साहित्यिक वातावरण सावन की रिमझिम फुहार और उष्णता के बीच महमहा उठा। प्रजापति ठाकुर की कविता -जँ कहबै तँ चानकें जमीन पर उतारि देत को लोगों ने खूब सराहा।
जब कवि प्रीतम निषाद ने छौमासा मैथिली लोकगीत प्रस्तुत किया, तो एक अलग ही शमां बन गया।
वहीं, श्रवण कुमार साहु ने सावन शीर्षक कविता से मिथिलामे अनावृष्टि पर सबका ध्यान खिंचा।
कमलेश प्रेमेन्द्र ने ग़जल पाठ किया।
पं. प्रजापति ठाकुर, सुनील कुमार मिश्र, डा. रवीन्द्र झा, आशीष कुमार मिश्र, मालती मिश्र, अनुपम झा, अनामिका चौधरी, विभा झा बिभासित, सुभास चन्द्र झा सिनेही, डा विनय विश्वबन्धु, प्रभास कुमार दमन ने भी कविता पाठ किया। आयोजित संगोष्ठी मे पाँच कथाकार ने अपनी कथा का पाठ किया।
चण्डेश्वर खाँ, रेवतीरमण झा, सुभेश चन्द्र झा, सुखदेव साह ने महत्वपूर्ण कथाओं का पाठ किया। सभी कथा समकालीन समय से संवाद कर रही थी।
कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ साहित्यकार दिलीप कुमार झा ने किया, जबकि पठित रचना पर समक्षकीय टिप्पणी मालती मिश्र, डा. सोनू कुमार झा एवं झौली पासवान ने दिये।
संगोष्ठी के अंत में धन्यवाद ज्ञापन समिति के अध्यक्ष चण्डेश्वर खाँ ने किया।