- डीएम रिची पांडे की अध्यक्षता में आयोजित हुई स्वास्थ्य विभाग की समीक्षात्मक बैठक
- कई अधिकारियों पर गिरी गाज
- प्रखण्डवार समीक्षा में उभरे कई मुद्दे
- कड़ी चेतावनी और कार्रवाई के आदेश
- खबर दस्तक, सीतामढ़ी
जिले की स्वास्थ्य सेवाओं की समग्र समीक्षा और सुधार को लेकर जिलाधिकारी रिची पांडे की अध्यक्षता में समाहरणालय परिसर स्थित परिचर्चा भवन में सोमवार की देर शाम स्वास्थ्य विभाग की एक उच्चस्तरीय समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। बैठक में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की प्रगति, कार्यान्वयन की स्थिति और व्यावहारिक चुनौतियों पर बिंदुवार चर्चा की गई।
बैठक में सिविल सर्जन डॉ० अखिलेश कुमार, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ० जियाउद्दीन जावेद, वीबीडीसी पदाधिकारी डॉ० रवींद्र कुमार यादव, गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ० सुनील सिन्हा, जिला कार्यक्रम प्रबंधक असित रंजन, सामुदायिक उत्प्रेरक समरेन्द्र वर्मा, डीपीसी दिनेश कुमार, डीएमएनई संतोष कुमार, पीरामल फाउंडेशन एवं पीएसआई इंडिया के प्रतिनिधियों सहित जिले के तमाम स्वास्थ्य अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, संस्थागत प्रसव, परिवार नियोजन, टीकाकरण, फाइलेरिया, कालाजार, आयुष्मान भारत योजना, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर और मातृ मृत्यु समीक्षा जैसे बिंदुओं पर गहन समीक्षा की गई। - अवैध नर्सिंग होम पर कसा जाएगा शिकंजा
जिलाधिकारी ने प्रखंडवार प्रगति रिपोर्ट की बारीकी से जांच करते हुए स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही अब किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इस क्रम में बाजपट्टी की बीसीएम जयंती कुमारी और चोरौत के बीसीएम पंकज कुमार से स्पष्टीकरण तलब करते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए गए। उल्लेखनीय है कि बौखड़ा के बीएचएम दिलीप कुमार को पूर्व में अनुशासनहीनता और कर्तव्य में लापरवाही के आरोप में निलंबित किया जा चुका है।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों (एमओआईसी) को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में अवैध रूप से संचालित नर्सिंग होम्स की सूची तैयार कर उनके पंजीकरण की जांच करें और नियमानुसार तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करें। उन्होंने स्पष्ट कहा कि “स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी किसी भी प्रकार की अनियमितता या उदासीनता को हरगिज़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” - संस्थागत प्रसव बढ़ाने हेतु विशेष प्रयासों की जरूरत
जिलाधिकारी ने विशेष रूप से संस्थागत प्रसव की संख्या बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि इसमें कमी किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने प्रखंड स्तर पर कार्यरत सामुदायिक उत्प्रेरकों एवं आशा कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने तथा परिवार नियोजन कार्यक्रम में सुधार लाने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। - टीबी, कालाजार, डेंगू, एईएस पर भी चर्चा
बैठक के दौरान डॉ० जियाउद्दीन जावेद ने जिले में टीबी नियंत्रण के तहत नए मरीजों की खोज, इलाज की स्थिति एवं पोषण किट वितरण की अद्यतन जानकारी साझा की। वहीं डॉ० रवींद्र कुमार यादव ने मलेरिया, डेंगू, कालाजार, फाइलेरिया, एईएस और जेई जैसी बीमारियों की रोकथाम के प्रयासों और मौजूदा स्थिति पर विस्तार से प्रकाश डाला। - जनस्वास्थ्य के लिए प्रतिबद्धता का संकल्प
बैठक का समापन करते हुए जिलाधिकारी रिची पांडे ने स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सभी अधिकारियों और कर्मियों को सख्त हिदायत दी कि वे योजनाओं को केवल कागजों पर नहीं, जमीन पर भी लागू करें। उन्होंने कहा कि “सरकार की प्राथमिकता में स्वास्थ्य सेवाएं सर्वोपरि हैं और इनकी गुणवत्तापूर्ण सेवा सुनिश्चित करना हम सबकी सामूहिक ज़िम्मेदारी है।”
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