- 16 जुलाई से 14 सितम्बर तक चलेगा दस्त नियंत्रण अभियान
- दस्त की रोकथाम के लिए जिले मे बनाए जाएंगे जिंक कॉर्नर
- जिले में 10.80 लाख घरों के 7.70 लाख बच्चों को किया गया है लक्षित
- आशाकर्मी प्रत्येक घरों में जाकर देंगी ओआरएस का पैकेट व जिंक की गोली
खबर दस्तक
मधुबनी :
बच्चों को होने वाली विभिन्न रोगों एवं जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है, ताकि शिशु मृत्य दर में कमी लायी जा सके। इसी उद्देश्य से मंगलवार को मधुबनी सदर अस्पताल के प्रांगण में स्टॉप डायरिया अभियान का शुभारंभ मधुबनी सिविल सर्जन डॉक्टर हरेंद्र कुमार ने फीता काट किया।
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी एवं यूनिसेफ ने पौधा देकर सिविल सर्जन का स्वागत किया। सिविल सर्जन ने बताया 16 जुलाई से शुरू सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा आगामी 14 सितंबर(दो माह) तक चलेगा। इस दौरान आशा कार्यकर्ता जिले के सभी 21 प्रखण्ड स्थित घरों में जा जा कर ओआरएस का पैकेट एवं जिंक की टैबलेट देंगी। जिन घरों में दस्त से पीड़ित बच्चे पाए गए, उस घर में दो पॉकेट ओआरएस एवं 14 जिंक की टैबलेट प्रदान की जाएगी। 0 से 5 साल के बच्चे अक्सर डायरिया से पीड़ित हो जाते है। उसी से बचाव को लेकर यह पखवाड़ा मनाया जाता है। जिले में 10,80,561 घरों में 8,27,027 बच्चों को लक्षित किया गया है, जिसके लिए विभाग द्वारा 10,12,281 ओआरएस एवं 1,04,20,537 जिंक टेबलेट उपलब्ध कराई गई है। ये अभियान जिले के 3858 आंगनबाड़ी केंद्रों में चलाया जाएगा।
ओआरएस एव जिंक की गोली जरूरी :
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ एस.के. विश्वकर्मा ने बताया कि गर्मी व बरसात के दिनों में पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में डायरिया का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। ऐसे में प्राथमिक उपचार में ओआरएस घोल एवं जिंक का टैबलेट बहुत ही फायदेमंद होता है। उन्होंने बताया कि डायरिया के दौरान बच्चों में डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है, जो बच्चों के लिए जानलेवा भी साबित हो सकती है। ऐसे में दो दिनों तक लगातार ओआरएस का घोल एवं 14 दिनों तक लगातार जिंक की गोली बच्चों के लिए फायदेमंद होती है। इससे बच्चों की जान बचाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि 0 से 6 महीना के बच्चों को दस्त हो जाये, तो इसे दो दिनों तक लगातार ओआरएस का घोल एवं आधा जिंक की गोली डेली देना है। 7 माह से 5 साल के बच्चे को घोल के साथ एक जिंक की गोली लगातार 14 दिनों तक देना है। 14 दिनों तक जिंक की गोली देने के बाद अगले तीन महीनों तक बच्चों को डायरिया होने का खतरा कम होता है।
स्वच्छता को लेकर किया जाएगा जागरूक :
सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा उद्घाटन कार्यक्रम में मौजूद यूनिसेफ एसएमसी प्रमोद कुमार झा ने बताया कि बच्चों में डायरिया होने में गंदगी की अहम भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि इस पखवाड़ा के दौरान आशा कार्यकर्ता ओआरएस एवं जिंक की गोली देने के साथ साथ स्वच्छता के प्रति भी जागरूक करेंगी, जिसमें सही तरीके से हाथ धोने की जानकारी देंगी। साथ ही साथ घरेलू उपचार से बच्चे को डायरिया से पीड़ित होने से कैसे बचाया जाए ये भी जानकारी देंगी।
इस मौके पर अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर राजीव रंजन, जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज मिश्रा, जिला सामुदायिक उत्प्रेरक नवीन दास, आईडीएसपी एपिडेमियोलॉजस्टि अनिल चक्रवर्ती सहित अन्य कर्मी उपस्थित थे।