- सीतामढ़ी पुलिस की मिली बड़ी सफलता
खबर दस्तक
सीतामढी :
सीतामढी शहर के धार्मिक और सामाजिक जीवन को झकझोर देने वाले श्रीरामजानकी मठ की प्राचीन मूर्ति चोरी और पुजारी हत्याकांड में आखिरकार पुलिस ने बड़ी सफलता प्राप्त की है। सीतामढ़ी पुलिस ने इस बहुचर्चित मामले में मुख्य आरोपियों मो० सद्दाम, शिबू और शेखर को गिरफ्तार करते हुए न केवल चुराई गई मूल्यवान मूर्ति को बरामद किया है, बल्कि अवैध हथियार और कारतूस भी जब्त किए हैं। इस पूरी कारवाई की जानकारी पुलिस अधीक्षक अमित रंजन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दी।
यह घटना सीतामढ़ी के धार्मिक चेतना का केंद्र माने जाने वाले श्रीरामजानकी मठ की है, जहां बीते सप्ताह मंदिर की विरासत-स्वरूप प्राचीन मूर्ति की चोरी कर ली गई थी और मठ के पुजारी की निर्मम हत्या कर दी गई थी। यह अपराध न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला था, बल्कि स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश और भय का कारण भी बना।
घटना के बाद से ही पुलिस लगातार छानबीन में जुटी थी और सीमावर्ती इलाकों सहित संभावित ठिकानों पर गुप्त अभियान चलाया जा रहा था। मामला धार्मिक आस्था और हत्या दोनों से जुड़ा होने के कारण इसे पुलिस प्रशासन ने शीर्ष प्राथमिकता दी।
पुलिस की गुप्त रणनीति और त्वरित कारवाई :
पुलिस अधीक्षक अमित रंजन के नेतृत्व में गठित विशेष टीम ने तकनीकी विश्लेषण, सीसीटीवी फुटेज, स्थानीय मुखबिर तंत्र और लगातार निगरानी के माध्यम से आरोपियों तक पहुंच बनाई। कई संदिग्धों से पूछताछ के बाद मुख्य आरोपियों की पहचान मो० सद्दाम, शिबू और शेखर के रूप में की गई।
इनकी गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उनके पास से एक अवैध पिस्तौल, जिंदा कारतूस और चोरी गई रामजानकी की प्रतिमा भी बरामद की। आरोपियों ने प्रारंभिक पूछताछ में अपराध को स्वीकार कर लिया है और चोरी के पीछे आर्थिक लाभ तथा धार्मिक संपत्ति की तस्करी को कारण बताया है।
पुलिस अधीक्षक अमित रंजन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि “यह कांड न केवल एक गंभीर आपराधिक मामला था, बल्कि सीतामढ़ी की धार्मिक विरासत और लोगों की आस्था से भी जुड़ा हुआ था। हमारी टीम ने हर स्तर पर सतर्कता दिखाते हुए मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर इस जघन्य वारदात का पर्दाफाश किया है। हम प्रतिबद्ध हैं कि ऐसे मामलों में किसी को बख्शा नहीं जाएगा।”
स्थानीय जनमानस में संतोष, लेकिन सुरक्षा को लेकर चिंता बरकरार :
शहर में इस कारवाई के बाद कुछ राहत की भावना जरूर फैली है, लेकिन साथ ही यह सवाल भी उठ रहा है कि धार्मिक स्थलों की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कैसे हुई। नागरिकों का कहना है कि मंदिरों और मठों की सुरक्षा को लेकर स्थायी और तकनीकी उपाय किए जाएं, ताकि दोबारा इस तरह की घटनाएं न घटें।
सीतामढ़ी पुलिस की यह कारवाई निस्संदेह एक बड़ी सफलता है, जिसने समाज में व्याप्त डर को कुछ हद तक कम किया है। लेकिन साथ ही यह घटना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि धार्मिक स्थलों और महापुरुषों के सेवास्थलों की सुरक्षा को लेकर अब नई रणनीति और सशक्त निगरानी तंत्र की आवश्यकता है। प्रशासन को चाहिए कि ऐसे अपराधियों के खिलाफ तेज गति से कानूनी कारवाई करते हुए उन्हें सजा दिलाई जाए, ताकि समाज में कानून का डर बना रहे और धार्मिक आस्था की रक्षा हो सके।