केंद्रीय सरकार देशवासी मजदूरों क़े हित में नई श्रम नीति क़ो वापस ले : रत्नेश वर्मा
खबर दस्तक
बिहार डेस्क :
ईस्ट सेन्ट्रल रेलवे इम्प्लाईज युनियन (निबंधन संख्या-4065) क़े द्वारा ऐक्कटू सहित भारत क़े सभी ट्रेड यूनियनों क़े द्वारा नई श्रम नीति तथा कुछ अन्य मुद्दों क़े विरोध स्वरूप किए जा रहे देशब्यापी आम हड़ताल क़े नैतिक समर्थन में रैली, प्रदर्शन एवं सभा किया गया। रैली स्थानीय रक्सौल रेलवे स्टेशन क़े नजदीक ईस्ट सेन्ट्रल रेलवे इम्प्लाईज युनियन क़े केंद्रीय/जोनल जॉइंट सेक्रेटरी रत्नेश वर्मा क़े नेतृत्व मे विरोध प्रदर्शन तथा नारेवाजी से आरम्भ हुआ।
मौके पर रत्नेश वर्मा ने कहा कि आज देश क़े मजदूरों कि स्थिति बहुत हीं दयनीय है। कई प्राइवेट ठेका मजदूरों क़ो न्यूनतम मजदूरी भी नहीं मिल पा रहा है। रेल कर्मचारियों पर जबरदस्ती निजीकरण/निगमीकरण थोपा जा रहा है। 55/30 क़े सर्विस रिव्यू की पॉलिसी बनाई गयी है।सरकार क़े द्वारा पहले एनपीएस और अब यूपीएस थोपा गया है। 29 श्रम संहिताओं क़ो हटाकर केवल चार लेबर कोड बील लाकर केंद्र सरकार मजदूरों क़े हितों पर कुठाराघात कऱ रही हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से मजदूरों क़े हित में नई श्रम नीति क़ो वापस लेने क़ी मांग क़ी। सभा में सरकार क़ी मजदूर विरोधी नीतियों क़े विरोध मे खूब नारेवाजी कि गयी।
ईसीआरईयू क़े केंद्रीय/जोनल जॉइंट सेक्रेटरी रत्नेश वर्मा ने एनपीएस-यूपीएस को हटाकर सीधा ओपीएस लागु करने कि मांग सरकार से की। उनके द्वारा बताया गया कि आज ईस्ट सेन्ट्रल रेलवे इम्प्लांइज यूनियन क़े द्वारा पुरे ईसीआर जोन मे नई श्रम नीति, निजीकरण/निगमीकरण, एनपीएस/यूपीएस, 55/30 क़े सर्विस रिव्यू, 14/2 काला क़ानून, सिग्नल विभाग में चल रहे चौबीसों घंटे की बन्धुआ मजदुरी, महिलाओं क़ो जबरदस्ती नाइट ड्यूटी में भेजनें क़े विरुद्ध आंदोलन, धरना-प्रदर्शन, विरोध-प्रदर्शन आदि कार्यक्रम किया जा रहा है।
आगे जोनल संयुक्त सचिव रत्नेश वर्मा ने बताया कि पूंजीवाद और उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए चार नए श्रम कानून का गठन किया गया है। देश क़े 29 श्रम कानून संहिताओं को बदलकर चार नए श्रम कानून बना दिए गए हैं। देश कि सरकार पार्ट पार्ट मे रेलवे को निजीकरण क़े तरफ धकेल रही हैं। 1924 से लागु रेल बजट को आनन फानन मे 2016 मे पूरी तरह से बंद कर दिया गया। एनपीएस/यूपीएस देश हित और कर्मचारी हित में नहीं है। इस कार्यक्रम में नई श्रम नीति, एनपीएस/यूपीएस ऑप्शन पर जागरूकता, रेलवे कर्मचारी को मिलने वाली सुविधाओं सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई।
रैली क़ो सम्बोधित करते हुए श्री वर्मा ने कहा क़ी हमें एकमात्र पुरानी पेंशन प्रणाली यानि ओपीएस से कम कुछ भी मंजूर नहीं हैं। पुरे देश कि पेंशन प्रणाली एक हीं होनी चाहिए। रेलवे मे कर्मचारियों कि भारी कमी हैं। रेलकर्मी पर अत्यधिक कार्य का बोझ हैं, जिसक़े चलते हीं कर्मिगण लगातार रन ओवर भी हो रहे हैं। रेल लाइन पर कार्य करनेवाले सभी रेलकर्मी को जीवन रक्षक यन्त्र दिया जाना चाहिए तथा एक करोड़ क़े जीवन बीमा का प्रावधान हो। पॉइंट्स मैन, गेटमैंन बारह घंटे, सिग्नल आर्टिज़न स्टॉफ चौबीस घंटे ड्यूटी कर रहे हैं। ड्यूटी रोस्टर हीं नहीं हैं। बीओएस क़े अनुसार रेलकर्मियों कि भर्ती होनी चाहिए।
रक्सौल रेलवे स्टेशन क़े नजदीक पूर्व मध्य रेलवे क़े एकमात्र मान्यता प्राप्त यूनियन ईस्ट सेन्ट्रल रेलवे इम्प्लांइज यूनियन क़े द्वारा सभी ट्रेड यूनियन द्वारा पूर्व घोषित आम हड़ताल क़े नैतिक समर्थन में एक विरोध प्रदर्शन सह सभा का कार्यक्रम किया गया।
ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस, जिससे ईस्ट सेंट्रल रेलवे इम्प्लाइज यूनियन भी संबद्ध है एवं नौ केंद्रीय ट्रेड यूनियनो द्वारा रेलवे व विभिन्न सरकारी क्षेत्रों में कार्यरत कर्मियों सहित देश भर में विभिन्न सेक्टरों में कार्यरत मजदूरों से जुड़ी कई अहम समस्याओं एवं सवालात पर राष्ट्रव्यापी आम हडताल की घोषणा की गई है, जिसमे ईसीआरईयू, ऐलरसा, आरकेटीए, स्टेयर, एआईजीसी, एयरटु के साथ साथ दूसरे कई अन्य यूनियन तथा एसोसिएशन का भी समर्थन प्राप्त है।
ईस्ट सेंट्रल रेलवे इम्प्लाइज यूनियन ने रेलकर्मियों से जुड़े निम्न अहम मुद्दे पर इस आम हड़ताल को नैतिक समर्थन दिया है।
इनके मुद्दे निम्नलिखित हैं :-
1). पूंजीवाद परस्त चारों लेबर कानून को निरस्त किया जाय
2). एनपीएस/यूपीएस को समाप्त कर ओपीएस लागू किया
3). रेलवे में प्रतिवर्ष 2% इंप्लाई के पोस्ट को सरेंडर करने के आदेश को अविलंब रोक लगाया जाय
4). रेलवे में सभी रिक्तियों को रिक्रूटमेंट के द्वारा अविलंब भरा जाय
5). रेलवे में कई विभागों के कई कार्यों को आउटसोर्स द्वारा कराना बंद किया जाय इसकी जगह नई रिक्रूटमेंट कर बहाली किया जाय
6). समान काम समान वेतन के तहत रेलवे में कार्यरत ठेका मजदूरों को समान वेतन दिया जाय
7). 8वाँ वेतन आयोग में पति-पत्नी, दो बच्चे एवं बूढ़े मां-बाप (कुल छः व्यक्ति) को आधार मानकर वेतन का निर्धारण किया जाय, साथ ही वेतन निर्धारण 3.5 गुना रखा जाए।
8). 2024-2025 के पीएलबी बोनस का भुगतान सातवें वेतन आयोग के वेतन को आधार मानकर किया जाय
9). 14/2 काला कानून को समाप्त किया जाय
10). 55/30 के सर्विस रिव्यू पर रोक लगाया जाय
11). सभी विभागों में आठ घंटा ड्यूटी रोस्टर लागु किया जाए
12). सिग्नल एवं टेलीकौम विभाग में नाईट फेलियर गैंग का प्रावधान हो
13). रक्सौल में रेलवे अस्पताल बनाया जाए
14). सभी एल • सी • गेट पर सीसीटीभी लगाया जाए
15). टीए, एनडीए, ओटी आदि भत्तो क़ो समय से वेतन में लगाया जाए
16). रेलवे बोर्ड क़े निर्देश क़े अनुसार सभी ओपन लाइन कर्मचारियों क़ो सेफ्टी शु, विंटर जैकेट, रेनकोट समय से मुहैया कराया जाए
17). सेफ्टी कैटेगरी क़े स्टाफ क़े लिए त्रेमासिक फेमिली सेमिनार का आयोजन किया जाए
18). ट्रेक क्षेत्र में कार्य करने वाले सभी विभाग क़े कर्मचारीयों क़ो अविलम्ब जीवन रक्षक यन्त्र दिया जाए
19). सभी कर्मचारियों क़े लिए रेलवे आवास, गैंग हट, टूल कक्ष सह विश्राम कक्ष बनवाया जाए
20). रेलवे इम्पैनल्ड अस्पतालो में यूएमआईडी कार्ड क़े आधार पर ईलाज हो
21). ट्रांसफर पॉलिसी में सुधार करके पारदर्शी बनाया जाए। प्रायोरिटी लिस्ट क़े अनुसार ट्रांसफर हो। अफसरशाही बंद हो।
22). सभी विभाग क़े आर्टिज़न स्टाफ क़ो रिस्क एंड हार्डशिप भत्ता दिया जाए
23). सभी रन ओवर हादसों की न्यायिक जाँच कराई जाए तथा रेल कर्मचारियों क़ो एक करोड़ का बीमा किया जाए
24). एलडीसीई एवं जीडीसीई परीक्षा प्रत्येक वर्ष लिया जाए
25). रेल कर्मचारियों के सभी स्थानीय समस्या को अभिलंब दूर किया जाय।
रैली क़े बाद स्टेशन क़े नजदीक शांतिपूर्ण नैतिक समर्थन सभा किया गया, जिससे रेल परिचालन में कोई बाधा उतपन्न नही हुई।
इस कार्यक्रम में उपस्थित कर्मचारियों मे रत्नेश वर्मा, रौशन कुमार, रवि रंजन, शत्रुघ्न प्रसाद, संजय कुमार, दीपक कुमार, शिवम कुमार, कृष्ण कुमार, प्रभात कुमार, अजय कुमार, ओम शंकर, बरुन कुमार, रामनाथ राय, जीतेन्द्र कुमार, सोनू कुमार, सुरेंद्र दास, बिनोद कुमार, श्री कांत कुमार, आजाद कुमार, अंगद कुमार साह, रामाशीष महतो, लालबहादुर पासवान, रामधारी पंडित, सुरेश कुमार पासवान, प्रेमसुन्दर यादव, प्रमोद कुमार, अभिषेक कुमार, राकेश पासवान, रमेश कुमार आदि प्रमुख थे।