खबर दस्तक
मधुबनी :
9 जुलाई को देशव्यापी “मताधिकार बचाओ-लोकतंत्र बचाओ” आंदोलन के तहत मधुबनी जिला के बेनीपट्टी प्रखंड में इंडिया गठबंधन और भाकपा-माले के संयुक्त आह्वान पर ज़ोरदार चक्का जाम किया गया।
इस चक्का जाम का नेतृत्व इंडिया गठबंधन के नेताओं के साथ-साथ भाकपा-माले के ज़िला स्तरीय नेताओं ने किया।
इस मौके पर बेनीपट्टी सचिव कामरेड श्याम पंडित और माले नेता कामरेड अजीत कुमार के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतर कर पूरे बेनीपट्टी को पूरी तरह ठप कर दिया।
इस ऐतिहासिक बंद को स्थानीय व्यापारियों, छात्रों, मजदूरों, किसानों और आम जनता का अभूतपूर्व समर्थन मिला। बेनीपट्टी की जनता ने यह साफ संदेश दिया कि वोटबंदी की तानाशाही साजिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
वहीं, भाकपा-माले नेता कामेश्वर राम ने साफ तौर पर कहा कि चुनाव आयोग और केंद्र की मोदी-नीतीश सरकार की यह साजिश संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ़ है, जो गरीबों, दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों को मताधिकार से वंचित करने की कोशिश है। हम मांग करते हैं कि मतदाता सूची से नामों की मनमानी/कटौती पर रोक लगे, चुनाव आयोग की निष्पक्षता सुनिश्चित हो, मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया में पारदर्शिता हो, गरीबों और प्रवासी मजदूरों के वोट का अधिकार सुरक्षित किया जाए।
भाकपा-माले और इंडिया गठबंधन ने यह ऐलान किया है कि अगर यह तानाशाही नहीं रुकी, तो आंदोलन और तेज़ किया जाएगा।
“संविधान बचाओ-वोट बचाओ” कार्यक्रम में शामिल विकाश कुमार पासवान, मो. नूर हसन, राजेंद्र पासवान, उपेंद्र सदाय, भोगी सदाय, सुकुमारी देवी, सुनीता देवी सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए।