खबर दस्तक
कैमूर :
बेशक राजनीतिक रिश्तों के मायने और दायरे को समझ पाना बेहद कठिन काम है। वजह यह की राजनीति में जो दिखता है होता नहीं है और जो होता है वह दिखता नहीं है। मैं इसलिए कह रहा हूं कि भभुआ विधानसभा 205 से अपनी दावेदारी ठोक रहे भभुआ के पूर्व भाजपा विधायक स्वर्गीय आनंद भूषण पांडे उर्फ मंटू पांडे के बड़े भाई हरिशंकर पांडे ने प्रेस को बयान देते हुए कहा कि 2025 का विधानसभा चुनाव मै खुद लडूंगा। वर्तमान में जो विधायक हैं भरत बिंद वह एक तरीके से मरे हुए विधायक हैं।
भभुआ को दबंग विधायक की जरूरत है। जो जनता के सुख-दुख में मजबूती के साथ खड़ा रहे। मेरे छोटे भाई आनंद भूषण पांडे विधायक बने, लेकिन ढाई साल बाद ही इस दुनिया में नहीं रहे। ऐसी स्थिति में उनकी पत्नी रिंकी पांडे को टिकट मिला। वह भी ढाई साल तक विधायक रही। लेकिन वह एक कमजोर विधायक के तौर पर साबित हुई। वजह है महिला का होना। भाजपा ने अब उन्हें आयोग में भेज दिया है। ऐसी स्थिति में भाजपा को हर हाल में भभुआ से ब्राह्मण को टिकट देना होगा। उसमें भी चुनाव हम लड़ेंगे।
भभुआ से ब्राह्मण को टिकट नहीं मिलता है तो इसका असर पूरे शाहाबाद में देखने को मिलेगा। पूरे शाहाबाद से भाजपा का सुपड़ा साफ हो जाएगा। भभुआ के सीट पर ब्राह्मणों की नजर है। पुरा शाहाबाद के ब्राह्मणों की नजर है। और यदि भाजपा भरत बिंद को टिकट देती है तो इसका खामी आज भाजपा को भुगतना पड़ेगा। मेरा परिवार 25 सालों से राजनीति में है। ऐसे में भाजपा के शीर्ष और प्रदेश नेतृत्व को विचार कर हरिशंकर पांडे को टिकट देना चाहिए। भभुआ मे कमजोर और लाचार विधायक की जरूरत बिलकुल नहीं है।

