खबर दस्तक
मधुबनी :
किशोर कुमार
मधुबनी शहर में स्थित एक निजी होटल के सभागार में राष्ट्रीय नाई महासभा का भव्य सम्मेलन बड़े उत्साह और सामाजिक चेतना के साथ संपन्न हुआ। यह आयोजन नाई समाज की राजनीतिक, सामाजिक और शैक्षणिक प्रगति को लेकर एक मील का पत्थर साबित हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बिहार सरकार के पंचायती राज मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता उपस्थित हुए।
सम्मेलन की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष राजा ठाकुर ने की, जबकि इसकी निगरानी राष्ट्रीय अध्यक्ष आजाद गांधी द्वारा की गई।
इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में समाज के प्रतिनिधि, बुद्धिजीवी और युवा वर्ग उपस्थित रहा।
मौके पर भाजपा के जिला अध्यक्ष प्रभांशु झा, वरिष्ठ नेता देवेंद्र यादव और भोगेंद्र यादव समेत कई गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की।
सम्मेलन के दौरान वक्ताओं ने समाज की वर्तमान स्थिति पर विस्तार से चर्चा की और शिक्षा, रोजगार, सरकारी भागीदारी एवं सामाजिक सम्मान जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि नाई समाज लंबे समय से उपेक्षा का शिकार रहा है और अब समय आ गया है कि इसे मुख्यधारा में लाकर न्याय दिलाया जाए।
वक्ताओं ने केंद्र सरकार द्वारा जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह निर्णय समाज के लिए प्रेरणास्रोत है, साथ ही यह संदेश भी देता है कि अगर संगठित होकर समाज अपनी आवाज बुलंद करे, तो उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
मुख्य अतिथि मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा,“हमारी सरकार कर्पूरी ठाकुर के सिद्धांतों पर चल रही है। हर वर्ग, विशेषकर पिछड़े और वंचित तबकों के हितों की रक्षा के लिए हम पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। नाई समाज को भी सभी योजनाओं में समुचित भागीदारी मिलेगी।”
वहीं, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रभांशु झा ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, “राजद के शासनकाल में न विकास था, न बिजली-पानी, केवल भय का माहौल था। नाई समाज को अगर किसी ने सही मायने में सम्मान दिया है, तो वह भाजपा सरकार है।”उन्होंने यह भी कहा कि समाज के सशक्तिकरण के लिए भाजपा प्रतिबद्ध है और आने वाले समय में इसका और अधिक विस्तार देखने को मिलेगा।
सम्मेलन में समाज की ओर से पांच प्रमुख मांगें रखी गईं निम्नलिखित हैं :=
1). सभी सरकारी विद्यालयों में नियमित सरकारी कर्मचारी के रूप में नाई की बहाली की जाए।
2). मधुबनी जिले में संस्कृत कला बोर्ड की स्थापना हो।
3). जिले की दस विधानसभा क्षेत्रों में कर्पूरी भवन की स्थापना कर प्रांगण में भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा लगाई जाए।
4). फुलपरास की धरती से निकले जननायक को औपचारिक रूप से “जननायक” की उपाधि दी जाए।
5). बिहार विधानसभा चुनाव में नाई समाज के युवाओं को प्रतिनिधित्व और टिकट दिए जाएं।
सम्मेलन में उपस्थित युवाओं ने भी जोरदार तरीके से अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि नाई समाज अब पहले जैसा नहीं रहा। आज का युवा जागरूक है और अपने अधिकारों के लिए संगठित होकर आवाज उठा रहा है। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि अब केवल प्रतीक्षा नहीं, बल्कि संघर्ष और भागीदारी ही समाज की दिशा और दशा बदलेगी। कार्यक्रम का समापन सामूहिक संकल्प के साथ हुआ जिसमें समाज को सशक्त, शिक्षित और संगठित करने का आह्वान किया गया। यह सम्मेलन समाज के लिए एक नई ऊर्जा और दिशा का प्रतीक बनकर उभरा है। सम्मेलन में विपिन ठाकुर, उत्तम लाल ठाकुर, कृष्ण देव ठाकुर, शंकर ठाकुर समेत कई लोग उपस्थित थे।