केंद्र की सरकार मजदूरों क़े हित में नई श्रम नीति क़ो वापस ले : रत्नेश वर्मा
खबर दस्तक
सुमित कुमार राउत
ईस्ट सेन्ट्रल रेलवे इम्प्लाईज युनियन (निबंधन संख्या-4065) क़े द्वारा दिनांक-09/07/2025 क़ो भारत क़े सभी ट्रेड यूनियनों क़े द्वारा नई श्रम नीति क़े विरोध स्वरूप किए जा रहे देशब्यापी आम हड़ताल क़े समर्थन में किए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों धरना-प्रदर्शन, साँकेतिक आंदोलन, काली पट्टी लगाकर ड्यूटी करने आदि क़ो लेकर सेक्शन क़े सभी रेलकर्मियों क़े बीच रैली एवं जागरूकता अभियान चलाया गया। जागरूकता रैली स्थानीय रामगढ़वा रेलवे स्टेशन क़े नजदीक ईस्ट सेन्ट्रल रेलवे इम्प्लाईज युनियन क़े केंद्रीय/जोनल जॉइंट सेक्रेटरी रत्नेश वर्मा क़े नेतृत्व मे आरम्भ हुआ।
श्री रत्नेश वर्मा ने कहा कि आज मजदूरों कि स्थिति बहुत हीं दयनीय है। कई ठेका मजदूरों क़ो न्यूनतम मजदूरी भी नहीं मिल पा रहा है। रेल कर्मचारियों पर जबरदस्ती निजीकरण/निगमीकरण थोपा जा रहा है। 55/30 क़े सर्विस रिव्यू की पॉलिसी बनाई गयी है। सरकार क़े द्वारा पहले एनपीएस और अब यूपीएस थोपा गया है। 29 श्रम संहिताओं क़ो हटाकर केवल चार चार लेबर कोड लाकर केंद्र सरकार मजदूरों क़े हितों पर कुठाराघात कऱ रही हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से मजदूरों क़े हित में नई श्रम नीति क़ो वापस लेने क़ी मांग क़ी। सभा में सरकार क़ी मजदूर विरोधी नीतियों क़े विरोध मे खूब नारेवाजी कि गयी।
ईसीआरईयू क़े केंद्रीय/जोनल जॉइंट सेक्रेटरी रत्नेश वर्मा ने एनपीएस-यूपीएस को हटाकर ओपीएस लागु करने कि मांग सरकार से की। उनके द्वारा बताया गया कि दिनांक-09 जुलाई 2025 क़ो ईस्ट सेन्ट्रल रेलवे इम्प्लांइज यूनियन क़े द्वारा पुरे ईसीआर जोन मे नई श्रम नीति, निजीकरण/निगमीकरण, एनपीएस/यूपीएस, 55/30 क़े सर्विस रिव्यू, 14/2 काला क़ानून, सिग्नल विभाग में चल रहे चौबीसों घंटे की बन्धुआ मजदुरी, महिलाओं क़ो जबरदस्ती नाइट ड्यूटी में भेजनें क़े विरुद्ध आंदोलन, धरना-प्रदर्शन, विरोध प्रदर्शन आदि कार्यक्रम किया जायेगा।
रैली क़ो सम्बोधित करते हुए ईसीआरईयू दरभंगा शाखा क़े अध्यक्ष लालबाबू पासवान ने कहा क़ी हमें एकमात्र पुरानी पेंशन प्रणाली यानि ओपीएस से कम कुछ भी मंजूर नहीं हैं। पुरे देश कि पेंशन प्रणाली एक हीं होनी चाहिए।
आगे जोनल संयुक्त सचिव रत्नेश वर्मा ने बताया कि पूंजीवाद और उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए चार नए श्रम कानून का गठन किया गया है। देश क़े 29 श्रम कानून संहिताओं को बदलकर चार नए श्रम कानून बना दिए गए हैं। देश कि सरकार पार्ट पार्ट मे रेलवे को निजीकरण क़े तरफ धकेल रही हैं। 1924 से लागु रेल बजट को आनन फानन मे 2016 मे पूरी तरह से बंद कर दिया गया। एनपीएस/यूपीएस देश हित और कर्मचारी हित में नहीं है। इस कार्यक्रम में नई श्रम निती, एनपीएस/यूपीएस ऑप्शन पर जागरूकता, रेलवे कर्मचारी को मिलने वाली सुविधाओं सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई।
दरभंगा शाखा सचिव राकेश पासवान ने कहा कि रेलवे मे कर्मचारियों कि भारी कमी हैं। रेलकर्मी पर अत्यधिक कार्य का बोझ हैं, जिसक़े चलते हीं कर्मिगण लगातार रन ओवर भी हो रहे हैं। रेल लाइन पर कार्य करनेवाले सभी रेलकर्मी को जीवन रक्षक यन्त्र दिया जाना चाहिए तथा एक करोड़ क़े जीवन बीमा का प्रावधान हो। पॉइंट्स मैन, गेटमैंन 12 घंटे, सिग्नल आर्टिज़न स्टॉफ 24 घंटे ड्यूटी कर रहे हैं। ड्यूटी रोस्टर हीं नहीं हैं। बीओएस क़े अनुसार रेलकर्मियों कि भर्ती होनी चाहिए।
इस कार्यक्रम में उपस्थित कर्मचारियों मे रत्नेश वर्मा, संजय कुमार, रवि रौशन कुमार, संनोज कुमार, रामनाथ राम, मनीष कुमार, सोनालाल कुमार, सुरेंद्र राम, रंजन कुमार, राजकिशोर कुमार, हरिओम कुमार, अंगद कुमार सिंह, शत्रुघ्न शाह, प्रणव कुमार, दीपक कुमार, प्रभात कुमार, मनोज कुमार, भरत बैठा, गणेश यादव, राकेश पासवान, शिवम् कुमार, साजन कुमार, मो. शेराजुल अंसारी, मनीष कुमार, जैन्त कुमार राम, कृष्णा कुमार, लालबाबू पासवान, मो. अब्दुल्लाह कादरी आदि प्रमुख थे।