- 6 बेड के आइसीयू को सभी आधुनिक उपकरणों से किया गया है सुसज्जित
- आइसीयू में विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी, स्टॉफ नर्स एवं चतुर्थ वर्गीय कर्मी प्रतिनियुक्त
खबर दस्तक
मधुबनी :
मधुबनी माॅडल सदर अस्पताल में आइसीयू सेवा 23 जून को क्रियाशील होने के साथ ही गंभीर रूप से पिड़ीत मरीजों को भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया गया। इससे आम लोगों को काफी राहत मिली है, विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों के लिए यह बेहद जरूरी है।
विदित हो कि आइसीयू सेवा को 23 जून को शुरू किया गया था। आइसीयू सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार आइसीयू में 30 जून तक विभिन्न प्रकार के गंभीर रूप से पीड़ित सोलह मरीजों को भर्ती कर इलाज किया गया। इसमें ग्यारह मरीजों को आइसीयू में इलाज के बाद वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया, जबकि पाँच मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। इसमें हर्ट, स्नेक बाइट, हाइपरटेंशन सहित अन्य मरीज शामिल थे।
क्या कहते हैं सीएस :
सिविल सर्जन डॉक्टर हरेंद्र कुमार ने कहा कि छः बेड के आइसीयू को सभी आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित किया गया है। आइसीयू में दस विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी, बारह स्टॉफ नर्स एवं चार चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को प्रतिनियुक्त किया गया है। आइसीयू में दो बेड पेडियाट्रिक, तीन बेड सामान्य एवं एक बेड वेंटिलेटर है।
आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित है आइसीयू :
आईसीयू (गहन चिकित्सा इकाई) में उपयोग होने वाले उपकरणों में वेंटिलेटर, मॉनिटर, आइवी पंप, डायलिसिस मशीन, डिफाइब्रिलेटर सहित विभिन्न प्रकार के कैथेटर से सुसज्जित किया गया है। यह उपकरण रोगियों की निगरानी और समर्थन के लिए आवश्यक उपकरणों की एक सामान्य अवलोकन प्रदान करती है।
आईसीयू में उपयोग होने वाले कुछ मुख्य उपकरण हैं :
वेंटिलेटर :
यह मशीन सांस लेने में सहायता करती है, खासकर उन रोगियों के लिए जो खुद से सांस लेने में सक्षम नहीं हैं।
मॉनिटर :
यह उपकरण रोगी के महत्वपूर्ण संकेतों जैसे हृदय गति, रक्तचाप, ऑक्सीजन संतृप्ति और शरीर के तापमान की निगरानी करता है।
आइवी पंप :
यह उपकरण दवाएं और तरल पदार्थ अंतः शिरा आइवी रूप से शरीर में पहुंचाता है।
डायलिसिस मशीन :
यह मशीन गुर्दे की विफलता वाले रोगियों के रक्त को शुद्ध करती है।
डिफाइब्रिलेटर :
यह मशीन हृदय की असामान्य लय को सामान्य करने के लिए विद्युत सदमे का उपयोग करती है।
कैथेटर :
विभिन्न प्रकार के कैथेटर का उपयोग शरीर से तरल पदार्थों को निकालने या दवाएं देने के लिए किया जाता है, जैसे कि मूत्र कैथेटर, नासोगैस्ट्रिक ट्यूब, और केंद्रीय शिरापरक कैथेटर।
ईसीजी मशीन :
यह मशीन हृदय की विद्युत गतिविधि को रिकॉर्ड करती है।
सक्शन मशीन :
यह मशीन शरीर से तरल पदार्थों और स्रावों को हटाती है।
इंट्रावेनस लाइनें :
ये नस में डाली जाती हैं और तरल पदार्थ और दवाएं देने के लिए उपयोग की जाती हैं।
शारीरिक थेरेपी उपकरण :
ये उपकरण रोगियों को उनकी गतिशीलता और मांसपेशियों की ताकत वापस पाने में मदद करते हैं।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि आईसीयू में उपयोग किए जाने वाले विशिष्ट उपकरण रोगी की विशिष्ट स्थिति और आवश्यकताओं पर निर्भर करती हैं।
विदित हो कि सदर अस्पताल में गंभीर मरीज जिसे आइसीयू की आवश्यकता होती थी, उसे उच्च संस्थानों में रेफर कर दिया जाता था। इसमें कई मरीज सरकारी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में नहीं पहुंच पाते थे, उसे प्राईवेट अस्पताल में जाना पड़ता था। ऐसे जरूरत मंद मरीजों को अब सदर अस्पताल ही आइसीयू की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।