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दरभंगा :
दरभंगा शहर स्थानीय इस्कॉन मंदिर के द्वारा माधवेश्वर प्रांगण स्थित श्रीरमेश्वरी श्यामा मंदिर से बड़े ही धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ श्री श्री जगन्नाथ, बलदेव, सुभद्रा और सुदर्शन जी की भव्य रथ यात्रा निकाली गई। इस दिव्य रथ यात्रा में सैकड़ों की संख्या में दरभंगा के अलावे अन्य शहर के लोगों ने भी भाग लिया।
भगवान श्री श्री जगन्नाथ, बलदेव, सुभद्रा और सुदर्शन जी को बड़े ही आधुनिक रथ पर विराजमान करके रथ को भक्तगण रस्सी से खींच रहे थे। रथ के आगे-आगे झाड़ू से रास्ते को श्रद्धालुओं द्वारा साफ किया जा रहा था। भगवान की असीम कृपा प्राप्ति के लिए सभी श्रद्धालुगण अपने-अपने घर से निकल कर भगवान जगन्नाथ का दर्शन कर उनके रथ को रस्सी से खींच के आगे बढ़ाया।
रथ यात्रा में शामिल इस्कॉन मंदिर के एक सदस्य का कहना था कि भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा की परंपरा वर्षों से है, ऐसा मानना है कि भगवान अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए मंदिर से निकल कर रोड पर आते हैं और उनको अपनी कृपा प्रदान करते हैं। रथ यात्रा प्रारम्भ से पूर्व भगवान जगन्नाथ जी की महाआरती की गयी तत्पश्चात उनको स्पेशल 108 भोग भी अर्पण किए गए।
रथ यात्रा में मधुर ध्वनि के साथ सभी भक्त हरे कृष्ण मंत्र व जय जगन्नाथ का कीर्तन करते हुए नृत्य कर रहे थे। रथयात्रा श्यामा माई मंदिर से प्रारंभ हुई और मिर्जापुर, कमलेश्वरीचरण पथ, टावर चौक, महाराजी पुल के रास्ते शुभंकरपुर स्थित इस्कॉन मंदिर पर विराम लिया। इस अलौकिक अवसर पर शहर के कई गणमान्य भी उपस्थित हुए।
यात्रा में आये सभी श्रद्धालु हरे कृष्ण महामंत्र का कीर्तन करते हुए नाचते गाते हुए झूमते हुए बड़े ही आनंदित थे। यात्रा के बाद सभी भक्तों ने इस्कॉन मंदिर परिसर में श्री जगन्नाथ जी कथा रूपी रस-अमृत का श्रवण किया और अंत में सभी भक्त भंडारा महाप्रसाद प्राप्त कर प्रफुल्लित हों उठे।
मौके पर इस्कॉन मंदिर, दरभंगा के प्रबंधक लक्ष्मण कृपा दास ने बताया की बीते चार वर्ष से दरभंगा शहर में श्री श्री जगन्नाथ रथ यात्रा बड़े ही धूमधाम के साथ निकाली जा रही है और हर वर्ष भक्तों की संख्या व उनका उत्साह बढ़ता ही जा रहा है। उन्होंने इसका पूरा श्रेय इस्कॉन के संस्थापक जगद्गुरु श्रील प्रभुपाद जी को दिया, जिनकी असीम कृपा से जगन्नाथ रथ यात्रा देश के कोने-कोने में हर गांव शहर और यहाँ तक की विदेश में भी निकाली जा रही है। उन्होंने रथ यात्रा में शामिल हुए सभी भक्तों का स्वागत और अभिनन्दन किया और उनकी उपस्तिथि के दिए धन्यवाद दिया।