- जिले के विभिन्न मौजों में 23 जून से 2 जुलाई तक चल रहे हैं मौजेवार कैंप
खबर दस्तक
कैमूर:
जिले में भारत सरकार की महत्त्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना के अंतर्गत वाराणसी–रांची–कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के लिए अधिगृहित भूमि के रैयतों को मुआवजा भुगतान में आ रही कठिनाइयों को दूर करने हेतु जिला प्रशासन द्वारा विशेष कैंपों का आयोजन किया जा रहा है।
जिला पदाधिकारी श्री सुनील कुमार के निर्देश पर 23 जून से 2 जुलाई 2025 तक रामपुर, भभुआ, भगवानपुर, चांद एवं चैनपुर अंचलों के विभिन्न मौजों में विशेष मौजेवार शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। इन शिविरों का उद्देश्य संशोधित मुआवजा के लिए आवेदन प्राप्त करना एवं आवश्यक राजस्व दस्तावेजों की पूर्ति सुनिश्चित करना है।
एनएचएआई द्वारा आर्बिट्रेशन न्यायालय के आदेश के आलोक में संशोधित अवार्ड को अनुमोदन प्रदान किया जा चुका है। देखा गया कि कार्यालय में सीधे जमा किए गए कई आवेदन त्रुटिपूर्ण होते हैं, जिससे भुगतान में विलंब होता है। इस समस्या के समाधान हेतु फील्ड स्तर पर शिविर लगाकर रैयतों को सुविधा प्रदान की जा रही है।
आज दिनांक 27 जून को रामपुर के पाली व गंगापुर, चांद अंचल के सराइला व बेरी तथा चैनपुर अंचल के मसोई कला और मसोई खुर्द में कैंप आयोजित किए गए, जिनमें सैकड़ों रैयत उपस्थित हुए। रैयतों ने एलपीसी, वंशावली एवं अन्य आवश्यक दस्तावेजों का निर्माण कराया।
28 जून को चैनपुर के डडवा और खडवा, चांद के लाहौरी और कुतुबनपुर तथा रामपुर के बसनी और पतीला में कैंप आयोजित किए जाएंगे।
इन शिविरों में भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र (एलपीसी) निर्गत करने, वंशावली सुधारने तथा अन्य जरूरी अभिलेखों को दुरुस्त करने की समुचित व्यवस्था की गई है। साथ ही जिला भू अर्जन कार्यालय द्वारा आर्बिट्रेशन न्यायालय के आदेश की प्रतिलिपि भी उपलब्ध कराई जा रही है।
अब तक लगभग ₹20 करोड़ की राशि का भुगतान किसानों के खाते में किया जा चुका है, जबकि ₹10 करोड़ की राशि प्रक्रियाधीन है, जिसे शीघ्र निष्पादित किया जाएगा।
जिला भू अर्जन पदाधिकारी ने रैयतों से अपील की है कि वे शीघ्र अपनी भूमि की नापी पूर्ण करा लें और समस्त आवश्यक दस्तावेजों सहित आवेदन प्रस्तुत करें। पात्र रैयतों को त्वरित मुआवजा भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।
शिविर स्थल की जानकारी संबंधित अंचल अधिकारी कार्यालय से प्राप्त की जा सकती है। जिला पदाधिकारी द्वारा सभी अंचल अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया गया है कि रैयतों की सहूलियत के अनुसार स्थल चयन कर सुनियोजित व्यवस्था सुनिश्चित करें।
यह पहल न केवल मुआवजा प्रक्रिया को सरल बनाएगी, बल्कि पारदर्शिता एवं जवाबदेही आधारित प्रशासनिक तंत्र को भी और अधिक सशक्त बनाएगी।